सांकेतिक तस्वीर।
नई दिल्ली/कीव। रूस-यूक्रेन जंग के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा खुलासा करते हुए दावा किया है कि जारी युद्ध के बीच यूक्रेन ने भारत से रूस पर दबाव बनाने का अनुरोध किया था। दरअसल,यह अनुरोध जापोरिज्ज्या परमाणु ऊर्जा संयंत्र की सुरक्षा को लेकर किया गया था। बता दे कि भारत के विदेश मंत्री इस समय न्यूजीलैंड के दौरे पर है।
जयशंकर ने अपने इस खुलासे में आगे कहा कि उस समय मैं संयुक्त राष्ट्र के दौरे पर था। उस समय सबसे बड़ी चिंता जापोरिज्ज्या परमाणु ऊर्जा संयंत्र की सुरक्षा को लेकर थी। रूसियों पर दबाव बनाने के लिए हमसे अनुरोध किया गया था। हमने इसको लेकर पहल भी किए। मुझे लगता है कि इस समय भारत जो भी कर सकता है, वह करने के लिए तैयार है। जयशंकर ने कहा कि अगस्त में यूक्रेन और रूस के बीच हुए संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाले अनाज सौदे पर भारत का प्रभाव पड़ सकता है।
इसी कड़ी में उन्होंने आगे यह भी कहा कि इस समय रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष अभी भी गरमाया हुआ है। दोनों ही तरफ जुनून देखने को मिल रहा है। लोगों के लिए तर्कों की आवाज को आसानी से सुनना आसान नहीं है। लेकिन मैं निष्पक्षता के साथ कह सकता हूं कि अगर हम स्टैंड लेते हैं तो दोनों में से कोई भी देश इसकी अवहेलना करेंगे। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की बैठक में यह दिखा भी है। यूक्रेन में युद्ध पर भारत की स्थिति के बारे में बताते हुए जयशंकर ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि अलग-अलग देश, अलग-अलग क्षेत्र अलग-अलग तरीके से प्रतिक्रिया देंगे।
दरअसल,बुधवार को यानि एक दिन पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी सरकार को यूक्रेन स्थित यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र का कंट्रोल अपने हाथों में लेने का आदेश दिया है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था ने चेतावनी दी थी कि इस साइट पर बिजली की आपूर्ति बेहद नाजुक है, चूंकि, यह संयंत्र दक्षिणी यूक्रेनी में स्थित है। इसे जापोरिज्जिया के नाम से जाना जाता है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को औपचारिक रूप से इसे रूस में शामिल करने का ऐलान किया था। हालांकि, यूक्रेन ने इसका विरोध किया है। गौरतलब है कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर बुधवार को न्यूजीलैंड पहुंचे है।