एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

रूस और क्रीमिया को जोड़ने वाले पुल को यूक्रेन ने एक स्पेशल ऑपरेशन के दौरान किया नेस्तनाबूद, क्रीमिया में रुस का था बड़ा मिलट्री बेस, जंग में यही से हो रही थी सप्लाई, रूस के लिए बड़ा झटका – सतीश उपाध्याय/रविशंकर मिश्र


सांकेतिक तस्वीर।

कीव/मॉस्को। रूस के लिए जंग का सातवां महिना बहुत बुरा साबित होते दीख रहा है। सातवें महिने की शुरुआत में ही यूक्रेन के हिस्सों पर रूसी फौज की पकड़ दिन ब दिन ढीली होती जा रही थी कि इसी बीच अब क्रीमिया से जोड़ने वाला केर्च पुल को यूक्रेन के सुरक्षाबलों ने एक स्पेशल ऑपरेशन के दौरान विस्फोट करके तबाह कर दिया। जो कि रूस के लिए इस जंग में अब तक का सबसे बड़ा झटका हैं। बता दे कि वर्ष 2014 में एक स्पेशल ऑपरेशन के दौरान रूस ने यूक्रेन से क्रीमिया छीन लिया था। लेकिन अब लग रहा है कि इस जंग में यूक्रेन जिस तरह से तेजी से अपने इलाकों पर दोबारा कब्जा करने में दिन ब दिन सफल होता जा रहा है। ऐसे में क्रीमिया पर भी संकट उत्पन्न हो गया है।

बताया जा रहा है कि इसी पुल के साथ लगी रेलवे लाइन भी पेट्रोल ले जा रही ट्रेन में धमाके के कारण बंद हो चुकी है। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि पुल का एक बड़ा हिस्सा समुद्र में समा गया है। ऐसे में रूस और क्रीमिया के बीच जमीनी संपर्क लगभग खत्म हो चुका है। इतना ही नहीं, इस पुल के टूटने से यूक्रेन में युद्ध लड़ रहे रूसी सैनिकों को गोला-बारूद और रसद पहुंचाने का एक प्रमुख मार्ग भी बंद हो गया है। यूक्रेन युद्ध के बीच क्रीमिया को रूस से जोड़ने वाले पुल पर विस्फोट की घटना को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है। बता दे कि वर्ष 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद क्रीमिया प्रायद्वीप यूक्रेन के हिस्से में आया था,जहां वर्ष 2014 में रूस ने अचानक सैन्य कार्रवाई कर क्रीमिया को रूस में मिला लिया था। इसके बाद से ही क्रीमिया पर रूस का नियंत्रण है।

बता दे कि इस पुल के तबाह हो जाने से न केवल क्रीमिया से रूस का संपर्क कट गया है, बल्कि यूक्रेन में जारी स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन को भी बड़ा झटका है। रूस अब उतनी तेजी से डोनेस्ट्क, लुहांस्क और डोनबास के बाकी इलाकों में गोला-बारूद और रसद की आपूर्ति नहीं कर सकता है, जितना इस पुल की सहायता से कर सकता था। इस पुल पर धमाके से यूक्रेन में जंग लड़ रही रूसी सेना के मनोबल को भी झटका लगा है। डोनबास के लोग भी जान गए हैं कि यूक्रेन अब उनका पीछा तब तक नहीं छोड़ने वाला है, जब तक कि वह दोबारा कब्जा नहीं जमा लेता। अब तो इस बात का भी डर है कि यूक्रेनी सेना कहीं क्रीमिया पर कब्जे की कोशिश न करे। फिलहाल,जिस तरह से जंग का पासा पलट रहा है उससे साफ हो गया है कि रूस यह करीब-करीब हार चुका है। क्योंकि,वार फ्रंट से लगातार रूसी फौज के पीछे हटने की रिपोर्ट्स आ रही है। हालांकि, सीक्रेट आॅपरेशन न्यूज पोर्टल जंग के शुरूआत में ही बीते 2 मार्च को साफ कर दिया था कि यह जंग लंबा चलेगा और भविष्य यूक्रेन के पक्ष में है। अब ऐसे में जिस तरह का दबाव रूस पर दिन ब दिन बढ़ता जा रहा उससे साफ है कि किसी भी समय पुतिन परमाणु जंग का आगाज कर सकते हैं। चूंकि अब रूस के पास कोई विकल्प नहीं बच रहा है।

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