सांकेतिक तस्वीर।
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर उस समय हड़कंप मच गया जब खुद को वायुसेना का अधिकारी बताने वाले एक फर्जी विंग कमांडर को दिल्ली पुलिस ने हवाई अड्डा में स्थित ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन के दफ्तर से दबोचा है। जहां इस दौरान पुलिस के हवाले से दावा किया गया कि हिरासत में लिये फर्जी वायुसेना अधिकारी के पास से वर्ष 2016 में बना एयरपोर्ट एंट्री पास बरामद हुआ है,बताया जा रहा है कि वह इसी पास के सहारे जब चाहे आईजीआई में दाखिल हो सकता था। वहीं, इस फर्जी अफसर को पकड़े जाने की रिपोर्ट जैसे ही सामने आई तुरंत मिलिट्री इंटेलीजेंस,खुफिया विभाग और एयरफोर्स सहित कई केंद्रीय एजेंसियां हरकत में आ गई।
बता दे कि पकड़े गए फिरोज गांधी गीता कॉलोनी में रहता है। उसके घर से जांच टीम को एयरफोर्स से संबंधित कई चीजें मिली हैं। फिरोज के पास मिले एंट्री पास को सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है।
दरअसल,फिरोज उस समय पकड़ आया जब वह एयरफोर्स का फर्जी विंग कमांडर बनकर बीते 11 अक्तूबर को अपना एयरपोर्ट एंट्री पास नवीनीकरण करने के लिए ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन को दिया। जहां अधिकारियों को उस पर शक हो गया क्योंकि वर्ष 2019 से पास ऑनलाइन बायोमीट्रिक सिस्टम से नवीनीकृत होते हैं। इसके लिए आवेदन सीधे एयरफोर्स से आते हैं और बायोमीट्रिक जांच के बाद पास नवीनीकृत हो जाते हैं। उसके पास 2016 में बना हुआ एयरपोर्ट एंट्री पास भी था जो उसने फर्जी दस्तावेजों पर लिया था।
जहां अधिकारियों ने उसका आवेदन मिलने के बाद एयरफोर्स अधिकारियों से संपर्क किया। जांच में पता चला कि फिरोज गांधी नामक कोई विंग कमांडर कार्यरत नहीं है। ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन के अधिकारियों ने उसे अगले दिन दफ्तर बुलाया और पुलिस के हवाले कर दिया।
इसके बाद ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन के अधिकारियों ने बताया कि फिरोज से एयरफोर्स के कई संवेदनशील दस्तावेज मिले हैं। वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। वहीं पुलिस ने उसके घर से एयरफोर्स अफसरों की 28 मुहर, एयरफोर्स से संबंधित कई कार्ड और विंग कमांडर की दो वर्दी सहित अन्य सामान बरामद किया है।