एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

यूक्रेन द्वारा रूस के खिलाफ “डरटी बम” के संभावित हमले के बीच “न्यूक्लियर ड्रिल” में जुटा रूस, अमेरिका ने कहा भारी गलती, भारत ने भी भारतीय नागरिकों को तत्काल यूक्रेन छोड़ने का दिया कड़ा निर्देश – सतीश उपाध्याय/रविशंकर मिश्र


सांकेतिक तस्वीर।

मॉस्को/वॉशिंगटन। रूस-यूक्रेन जंग अब और भी मुश्किल हालात में पहुँच गया है। क्योंकि इधर कुछ दिनों से यूक्रेन द्वारा संभावित डरटी बम के इस्तेमाल को लेकर रूस इस मुद्दे को बहुत जोर-शोर से दुनिया भर में उठा रहा है। इतना ही नहीं रूस ने औपचारिक रूप से अमेरिका को भी बता दिया है कि वह अपने परमाणु बलों के साथ अभ्यास शुरू करने वाला है। जिसे देखते हुए भारत पहले से कही अधिक सतर्क हो गया है,शायद यही बड़ी वजह है कि यूक्रेन में स्थित भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में रह रहे भारतीय नागरिकों को तत्काल यूक्रेन छोड़ने का बार-बार निर्देश जारी कर रहा है। वहीं रूस के इस खतरनाक न्यूक्लियर ड्रिल को लेकर अमेरिका ने मॉस्को को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि रूस द्वारा परमाणु हथियारों का इस्तेमाल उसकी बहुत बड़ी गलती होगी।

दरअसल,रूस का परमाणु अभ्यास ऐसे समय पर होने जा रहा है जब यूक्रेन युद्ध में तनाव अचानक बढ़ गया है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर विनाशकारी डर्टी बम के इस्तेमाल की योजना बनाने का आरोप लगा रहे हैं। जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी रूस को खुली चुनौती देते हुए चेतावनी दी है कि अगर मॉस्को परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करता है तो यह उसकी बहुत बड़ी गलती होगी। बता दे कि यूक्रेन में व्लादिमीर पुतिन की सेनाओं को एक के बाद एक झटके मिल रहे हैं। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि पुतिन जंग का रुख बदलने के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

इस बीच कुछ मीडिया समूहों ने रिपोर्ट किया है कि मॉस्को ने दावा किया है कि यूक्रेन,रूस पर आरोप लगाने के लिए फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन के रूप में अपनी धरती पर ‘डर्टी बम’ के इस्तेमाल की तैयारी कर रहा है। हालांकि रूस ने इस संबंध में कोई सबूत पेश नहीं किया है। चूंकि,रेडियोएक्टिव पदार्थ से बना ‘डर्टी बम’ से परमाणु बम जैसा भयावह विनाश नहीं होता, लेकिन इससे बड़े क्षेत्र में विकिरण प्रदूषण फैल जाता है। अब रूस ने परमाणु बलों के साथ अभ्यास की चेतावनी देकर बड़ा दांव चला है।

बताते चले कि रूस ने घोषणा की है कि उसकी सेनाएं अभ्यास शुरू करने जा रही हैं जिसमें संभवतः बैलिस्टिक मिसाइलों के टेस्ट लॉन्च शामिल होंगे। वहीं,अमेरिकी वायु सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक राइडर के हवाले से यह दावा किया गया है कि अमेरिका को सूचित किया गया है कि यह रूस का नियमित वार्षिक अभ्यास है। वार्षिक युद्धाभ्यास में आमतौर पर 10 हजार से अधिक सेवाकर्मी, सैकड़ों लॉन्चर और 100 से अधिक विमान शामिल होते हैं।

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की आशंकाओं के दौरान कहा कि, ‘सामरिक परमाणु हथियार का इस्तेमाल करके रूस भारी गलती करेगा।’ उन्होंने आगे यह भी कहा कि मैं आपको गारंटी नहीं दे रहा हूं कि यह एक फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन होगा। मुझे नहीं पता,लेकिन यह एक गंभीर गलती होगी।

उधर, परमाणु हमले के खतरे के बीच भारत पहले से कही अधिक सतर्कता बरतते हुए भारतीय नागरिकों को तत्काल यूक्रेन छोड़ने का बार-बार निर्देश दे रहा है। जिससे अब यह साफ हो चला है कि वह दिन दूर नहीं जब दुनिया दूसरे विश्वयुद्ध के बाद एक बार फिर से बेहद खतरनाक परमाणु हमले का गवाह बन सकती है।

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