एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

भारत के डिफेंस मिनिस्टर ने दुश्मन को दी कड़ी चेतावनी, कहा POK के लोगों का उत्पीड़न बंद करो वर्ना भुगतने होंगे घातक अंजाम – अमरनाथ यादव/गौरव बरनवाल


देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय सैनिकों के साथ मुलाकात के दौरान,फाईल फोटो, साभार -(रक्षा मंत्री के ट्वीटर से)

नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन जंग के बीच अब भारत और पाकिस्तान के बीच POK को लेकर माहौल गरमाता हुआ दीख रहा है। इसीलिए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को पीओके को लेकर कड़े तेवर दिखाए। उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान मानवाधिकारों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाता है, लेकिन वह खुद पीओके में लोगों पर अत्याचार कर रहा है। यही नहीं उन्होंने आगे भी कहा कि यदि पाकिस्तान अब पीओके के लोगों का उत्पीड़न करता है तो उसका अंजाम भुगतना पड़ेगा।

बता दे कि रक्षा मंत्री ने “इन्फैन्ट्री डे” प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कहा, ‘इस मौके पर देश के सभी जांबाजों को नमन करता हूं, जिन्होंने देश की एकता और अखंडता को कायम करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ बलिदान दे दिया।’

राजनाथ सिंह ने आगे भी कहा कि शौर्य दिवस हमें प्रेरणा देता है कि हर बाधा को पार करके हम देश को नई ऊंचाइयों को ले जाएंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि हर कोई जानता है कि पाकिस्तान कैसे मानवाधिकारों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाता है, जबकि पीओके में लोगों का उत्पीड़न कर रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मैं पाकिस्तान से पूछना चाहता हूं कि उसने भारत को जो हिस्सा अवैध रूप से कब्जाया है, वहां रहने वाले लोगों को उसने कितने अधिकार दिए हैं। पाकिस्तान वहां होने वाली अमानवीय घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। आज पाकिस्तान वहां लोगों पर अत्याचार कर रहा है, लेकिन आने वाले वक्त में उसे इसका नुकसान उठाना होगा।’

रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि हमारे विकास की यात्रा तब पूरी होगी, जब 1947 में भारत आए शरणार्थियों के साथ न्याय होगा। उन्हें जब अपने पूर्वजों की जमीन पर सम्मान के साथ रहने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि मैं अपनी सेना और लोगों की ताकत से वाकिफ हूं। वह दिन दूर नहीं हैं, जब हम पीओके को वापस लेंगे और अपने सारे मकसद हासिल करेंगे। यही नहीं उन्होंने इस दौरान उन लोगों पर भी अटैक किया, जो आतंकवादियों के मानवाधिकार की बात करते हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में जब भी सेना या पुलिस कोई ऐक्शन लेती है तो कुछ बुद्धिजीवी कहते हैं कि मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे उस वक्त हैरानी होती है कि जब यही आतंकी सुरक्षा बलों या फिर आम लोगों पर अटैक करते हैं तो ये लोग मानवाधिकार की बात क्यों नहीं करते हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है,लेकिन कश्मीरियत के नाम पर यहां असंख्य लोगों की जान गई और उनके घरों को भी तबाह कर दिया गया था। राजनाथ सिंह ने इस मौके पर 1993 में संसद में पारित प्रस्ताव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारी संसद ने गिलगित-बाल्टिस्तान समेत पूरे पीओके को वापस लेने का संकल्प लिया था और उसे पूरा किए बिना विकास की हमारी यात्रा पूरी नहीं होगी।

गौरतलब है कि आज के ही दिन यानि 27 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान समर्थित सशस्त्र कबाली समूह ने कश्मीर के कुछ इलाकों पर हमला बोला था,जहां पर भारतीय सेना ने इन लोगों को छटीं का दूध याद दिला दिया था, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पाकिस्तानी कबालियों द्वारा कब्जाये गए कश्मीरी इलाकों पर सैन्य आॅपरेशन चलाने की मंजूरी नहीं दी जिस वजह से वे इलाकें आज भी पाकिस्तान के कब्जे में है। जिसे POK कहा जाता है। हालांकि वर्तमान भारत सरकार इस मुद्दे पर बहुत ही गंभीर है, जिससे यह संभावना है कि बहुत जल्द भारतीय सेना अपने इस इलाकें की रिकवरी कर लेंगी।

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