सांकेतिक तस्वीर।
नई दिल्ली/दोहा। कतर के दोहा में भारतीय नौसेना के 8 रिटायर्ड अधिकारियों को पिछले 57 दिनों से अज्ञात कारणों से हिरासत में रखे जाने की बेहद हैरानी भरी रिपोर्ट सामने आई है। बता दे कि ये सभी अधिकारी कतरी एमिरी नेवी को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं देने वाली कंपनी में काम करते थे।
दावा किया जा रहा है कि दोहा में स्थित भारतीय दूतावास को इस घटना की पूरी जानकारी है। दरअसल,हाल ही में ट्विटर पर मीतू भार्गव नाम की महिला ने इसकी जानकारी देते हुए लिखा कि पिछले 57 दिनों से भारतीय नौसेना के 8 रिटायर्ड अधिकारियों को अवैध हिरासत में रखा गया है।
इतना ही नहीं इस पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी सहित कई मंत्रियों को भी टैग किया गया है।
वही इस घटनाक्रम में एक भारतीय मीडिया समूह ने रिपोर्ट किया है कि पूर्व नौसेना अधिकारी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज नाम की कंपनी में काम करते थे। ये कंपनी कतर डिफेंस और अन्य सिक्योरिटी एंजेंसी की लोकल बिजनेस पार्टनर है और रक्षा उपकरणों का रखरखाव करती है। इस कपंनी के CEO का नाम खमिस अल अजमीक है। वो रॉयल ओमान एयर फोर्स के स्क्वाड्रन लीडर थे। अब रिटायर हो चुके हैं।
इसी कड़ी में एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है जिसमें कहा गया है कि हिरासत में लिए गए आठ भारतीयों में कमांडर पूर्णेंदु तिवारी (सेवानिवृत्त) भी हैं। उन्हें 2019 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार मिला था। कंपनी की वेबसाइट पर उनकी प्रोफाइल में लिखा है-पूर्णेंदु ने भारतीय नौसेना में माइनस्वीपर और एक बड़े युद्धपोत की कमान संभाली थी।
फिलहाल,इस दावें में कितना बल है ? यह कह पाना अभी मुश्किल है। लेकिन इसमें सच्चाई है तो यह 90 के दशक में ईरान वाली उस घटना की पुनरावृत्ति होगी जब ईरान में स्थित भारतीय दूतावास में तैनात तत्कालीन भारतीय उच्चायोग हामिद अंसारी जो कि बाद में देश के वे उप राष्ट्रपति भी बने थे। इनके ईरान में तैनाती के दौरान दूतावास के तमाम अधिकारियों को ईरानी ऐजेंसियों द्वारा अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया था। इतना ही नहीं इन भारतीय अधिकारियों को भारी यातना भी झेलनी पड़ी थी। जहां बाद में अटल बिहारी वाजपेयी के हस्तक्षेप के बाद इन भारतीय अधिकारियों की रिहाई हो सकी थी।