एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

इमरान खान के अनुसार नहीं दर्ज हुआ मुकदमा, PM शहबाज समेत सभी लोगों के नाम पुलिस ने केस से हटाया, पाकिस्तान में फिर से भढ़क सकती है सियासी आग – विजयशंकर दूबे/राजेंद्र दूबे


अस्पताल में इमरान खान, फोटो साभार -(सोशल मीडिया)

लाहौर/इस्लामाबाद। पिछले कई महीने से गृहयुद्ध जैसे हालात का सामना कर रहे पाकिस्तान में एक बार फिर बवाल भढ़कने की संभावना दिखाई दे रही है। क्योंकि,पंजाब प्रांत की पुलिस ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर किए गए हमले के मामले में प्राथमिकी तो दर्ज कर ली लेकिन प्राथमिकी में पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृहमंत्री राणा सना उल्लाह और मेजर जरनल फैसल नसीर नाम नहीं दर्ज किया। हालांकि,मौके से पकड़े गए नवीद मोहम्मद बशीर को पुलिस ने बतौर मुख्य आरोपी दर्ज कर दिया है। अब ऐसे में इमरान खान के अनुसार मुकदमा न दर्ज होना, सियासी आग को एक बार फिर भढ़का सकता है।


इमरान खान को गोली मारने वाला मुख्य आरोपी नवीद मोहम्मद बशीर, फोटो साभार-(सोशल मीडिया)

वहीं,खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के नेता फवाद चौधरी ने कहा है हम शीर्ष अदालत में प्राथमिकी को चुनौती देंगे। प्राथमिकी दर्ज किए जाने में देरी को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पंजाब प्रांत में पीटीआई का शासन है। चौधरी ने कहा, ‘यह चौंकाने वाली बात है कि अगर मैं पाकिस्तान का पूर्व प्रधानमंत्री होने के बावजूद मुझ पर हुए हमले की प्राथमिकी दर्ज नहीं करवा पा रहा हूं तो आम आदमी के साथ क्या होगा।’

दरअसल,पंजाब पुलिस ने बताया कि उसने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज की है और संदिग्ध नवीद को पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 302, 324 तथा 440 और आतंकवाद रोधी अधिनियम की धारा-7 के तहत उसमें नामजद किया गया है। पुलिस ने बताया कि नवीद मोहम्मद बशीर के अपना जुर्म कबूलने के बाद उसे मौके से ही हिरासत में लिया गया था।

उधर,खान ने चार नवंबर को लाहौर के एक अस्पताल से राष्ट्र को संबोधन में कहा था, ‘मुझे चार गोलियां लगी।’ शौकत खानम अस्पताल में उनकी सर्जरी हुई थी। यह उनके धर्मार्थ संगठन के स्वामित्व वाला ही एक अस्पताल है। नए सिरे से चुनाव की मांग को लेकर राजधानी तक खान का मार्च गोलीबारी के बाद स्थगित कर दिया गया था।

हालांकि,उन्होंने आगे कहा कि वह पूरी तरह ठीक होने तक मार्च में शामिल नहीं होंगे। बता दे कि शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली संघीय सरकार ने खान की नए सिरे से चुनाव की मांग को खारिज कर दिया है। चुनाव अगले साल अगस्त के बाद होने हैं। अब ऐसे में इमरान खान के अनुसार मुकदमा न दर्ज होना, देश में पहले से ही दहक रहे सियासी आग को फिर से भढ़कने का मौका मिल सकता है। फिलहाल, अब यह साफ हो चुका है कि इमरान अब रूकने वाले नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान का निकट भविष्य कैसा हो सकता है ? इसका अंदाजा सहज हीं लग सकता है।

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