इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

इमरान खान पर हुए हमले में पाकिस्तानी PM ने ऐसे सवाल दागे जो कि बढ़ा सकती है “खान” की मुश्किलें, साथ में सुप्रीम कोर्ट से न्यायिक आयोग गठित करने के लिए लगाई गुहार – विजयशंकर दूबे/राजेंद्र दूबे


फायरिंग के दौरान घायल इमरान खान इलाज के दौरान अस्पताल में,फोटो साभार -(सोशल मीडिया)

इस्लामाबाद। हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हुए हमले में पाकिस्तान की सियासी तूफान अभी भी अपने पूरे शबाब पर है। जहां इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने देश के सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस से इमरान ख़ान पर हुए हमले की जाँच के लिए न्यायिक आयोग बनाने की मांग की है,साथ में इससे पहले कीनिया में मारे गए पाकिस्तानी पत्रकार अरशद शरीफ़ की हत्या की भी जांच की मांग की है।

बता दे कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान पर बीते गुरुवार को पाकिस्तानी पंजाब के वज़ीराबाद इलाक़े में जानलेवा हमला हुआ था। घटना के समय इमरान ख़ान अपनी पार्टी के लाहौर से इस्लामाबाद तक मार्च का अगुवाई कर रहे थे। इस दौरान हमले में इमरान ख़ान को गोली लगी थी जिसके बाद लाहौर के अस्पताल में उनकी सर्जरी हुई थी।

जहां इमरान ख़ान ने ख़ुद पर हमले के लिए पीएम शहबाज़ शरीफ़, गृहमंत्री राना सनाउल्लाह और एक आर्मी जनरल को ज़िम्मेदार बताया था। लेकिन ये सभी लोग इमरान ख़ान के आरोपों को ख़ारिज कर चुके हैं। इस बीच इमरान ख़ान की पार्टी के नेता उमर असद ने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल को बताया है कि वे ऐसे किसी भी कमीशन के समक्ष इन तीन लोगों के ख़िलाफ़ सबूत देने को तैयार हैं।

वहीं,शहबाज शरीफ़ ने सुझाव दिया है कि जाँच आयोग को पाँच अहम सवालों पर अपनी तफ़्तीश केंद्रित करनी चाहिए। जिसमें पहला सवाल है कि किस सुरक्षा बल पर उन्हें सुरक्षा देने का जिम्मा था ? दूसरा सवाल क्या सिक्योरिटी प्रोटोकॉल और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिज़र को पालन किया गया ? इसी कड़ी में तीसरा सवाल क्या सुरक्षा बलों और सिविल प्रशासन ने तफ़्तीश, सबूत इकट्ठा करने और घटना के बाद के प्रोसिजर का पालन किया ? चौथा सवाल सुरक्षा में क्या कोताही हुई और इसके कौन ज़िम्मेदार ? तथा अंतिम व पाचवां सवाल क्या इमरान ख़ान पर चली गोली उनकी हत्या की आपराधिक साज़िश का नतीजा या हमलावर अकेला ही था ? इतना ही नहीं पीएम शहबाज़ शरीफ़ ने अपने पत्र में हमले के बाद एफ़आईआर रजिस्टर करने में हुई देरी का भी उल्लेख किया है। इतना ही नहीं शहबाज ने यह भी लिखा है कि पंजाब में तहरीके इंसाफ़ का शासन है और उसके अधीन एजेंसियों ने हमले के बाद जांच के लिए बने-बनाए नियमों का उल्लंघन किया है।

दरअसल,शहबाज़ शरीफ़ ने एक समारोह में इमरान पर हमले के लिए पंजाब सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए बोला है कि अगर इस मामले में तुरंत एफ़आईआर नहीं हुआ तो पंजाब सरकार से पूछें ? पंजाब में इनकी अपनी हुकूमत है, मेरी तो नहीं है। आईजी इनका है, गृह सचिव इनका है। वो चार गोलियाँ थीं, आठ गोलियाँ हैं या सोलह ये क़ौम को बताएँ। उन्होंने आगे यह भी सवाल किया कि हमले के इतने दिन बाद भी अब तक प्रशासन को इमरान ख़ान की मेडिकल रिपोर्ट, फ़ॉरेंसिक जाँच के लिए मुहैया नहीं करवाई गई है, क्यों ? शहबाज शरीफ ने यह भी दावा किया कि पंजाब सरकार केस की सही तफ़्तीश नहीं कर रही है और इसकी वजह से सबूतों से छेड़छाड़ हो सकती है। फिलहाल, अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि न्यायिक जाँच आयोग का गठन कब तक होता है ? वहीं,इमरान ख़ान ने इस फ़ैसले का सशर्त स्वागत किया है। साथ में उन्होंने आगे यह भी कहा है कि जब तक तीन लोग अपने पद पर हैं, स्वतंत्र जाँच संभव नहीं है।

फिलहाल, इस घटनाक्रम के तथ्यों पर गौर किया जाये तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सवालों और दावों में प्रथम दृष्टया बल दिखाई दे रहा है जो कि इमरान खान के हक में नहीं है। ऐसे में इमरान खान आगे क्या करते हैं ? यह अभी साफ नहीं है लेकिन इमरान का मार्च पूर्ववत जारी रहेगा ऐसा इमरान ने संकेत दिया है। इससे साफ हो गया है कि अब इमरान रूकने वाले नहीं है, जो कि शहबाज शरीफ के पक्ष में बिल्कुल भी ठीक नहीं होगा।

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