सांकेतिक तस्वीर।
नई दिल्ली/पटना। भारत-नेपाल बॉर्डर पर बिहार प्रांत के किशनगंज से पकड़ी गई संदिग्ध महिला फरीदा मलिक पर अब दुश्मन ऐजेंसी ISI के लिए भारत के खिलाफ जासूसी करने का आरोप लग रहा है। बताया जा रहा है कि वह भारत में चोरी-छिपे रह कर बॉर्डर वाले इलाकों में हनीट्रैप के जरिए लोगों को फंसा रही थी। इतना ही नहीं उसके इस मिशन में और भी कई लोगों के शामिल होने की भी रिपोर्ट सामने आ रही है। जो कि भारतीय हीं है। इस बीच यह भी दावा किया गया है कि यह महिला इससे पहले भी वर्ष 2019 में उत्तराखंड में पकड़ी गई थी। जहां उस पर फरीदा पर पंजाब के युवाओं को भी इसी तरह से हनीट्रैप करने का आरोप लगा था।
वहीं,इस मामले में अब बिहार ATS और केंद्रीय खुफिया ऐजेंसियों की भी टीम अपनी जांच शुरु कर दी है। जहां इस दौरान जेल में बंद फरीदा मलिक से पूछताछ भी हुई है। सूत्रों के जरिए बेहद चौंकाने वाला दावा सामने आया है। जिसमें यह बताया जा रहा है कि पता चला है आरोपी महिला का वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी वह लगातार भारत में रह रही थी। तथा वह नोएडा में एक ठिकाने पर अपना सामान रखी है। अब वह सामान क्या है ? जिस जगह पर रखा है, तथा वो ठिकाना किसका है ? देश के अंदर कौन लोग इसकी मदद कर रहे हैं ? इसके कितने कॉन्टैक्ट हैं ? किससे मिलने आती थी ? भारत में इससे जुड़े लोगों की क्या गतिविधि है ? ये सभी सवाल जांच एजेंसियों के पास मौजूद है जिसका जवाब ढूढने के लिए जेल में बंद इस महिला से आगे की पूछताछ होनी है।
इस बीच यह भी खुलासा हुआ है कि नाम बदलने में माहिर फरीदा मलिक ने साइबर सिक्योरिटी में इंजीनियरिंग कर रखा है। साथ ही ये खुद को एक यूट्यूबर बताती है। और खुद को म्यूजिक और सिंगिग से जोड़ रखा है। ये लोगों को मोटिवेट करने का दावा भी करती है। जहां इस दौरान लाइव कंसर्ट के साथ ही इसके कुछ मोटिवेशनल वीडियो भी सामने आए हैं। लेकिन, जांच एजेंसी की मानें तो यह सब एक दिखावा है। यह सिर्फ पकड़े जाने पर जांच एजेंसियों को गुमराह करने के लिए है।
वहीं,जांच एजेंसियों की माने तो यह महिला अब भी पूरी तरह से संदिग्ध है। फरीदा मलिक के नाम वाला अमेरिका से बने पासपोर्ट और भारत के अंदर सना अख्तर के नाम से मिले कई बोर्डिंग पास ने महिला की असलियत पर संशय बरकरार रखा है। भले ही इसने पाकिस्तान की नागरिकता को छोड़ने का प्रमाण पत्र जांच एजेंसियों के सामने रखा, पर जिस तरह से भारत और नेपाल को अपना ठिकाना बना रखा है। इससे कई सवाल उठ रहे हैं।
क्योंकि,यह बात सामने आई है कि यह संदिग्ध महिला कई दफे नेपाल से भारत आई। यहां रही। देश के कई हिस्सों में घूमी। फिर कभी उत्तराखंड तो कभी बिहार के रास्ते वापस नेपाल चली गई। जिस तरह से यह बगैर वीजा के नेपाल जाते वक्त 1 नवंबर को किशनगंज गलगलिया में SSB के द्वारा पकड़ी गई। ठीक इसी तरह से उत्तराखंड में भी 2019 में इस महिला को पकड़ा गया था। उस वक्त इसे 4 साल की सजा हुई थी। पर 11 महीने में जेल से छूट गई थी।
फिलहाल, कई पहलुओं के शुरूआती जांच में यह अब साफ हो चला है कि इदरीस नामक शख्स जो कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का हैंडलर है। जो कि इसका मददगार है। इस दौरान दावा यह भी है कि बिहार के किशनगंज के जेल में बंद इस संदिग्ध महिला का उससे कनेक्शन है। तथा उसने ही फरीदा मलिक के भारत आने में मदद की थी।