अमेरिकी बांबर प्लेन,फोटो साभार-(यू एस नैवी के ट्वीटर से)
वाशिंग्टन/रियाद। मिडिल-ईस्ट में पहले से ही जारी जंगी तनातनी के दौरान सऊदी अरब पर ईरानी हमले के खतरे के बीच अमेरिका ने अपने परमाणु बम से लैस बी-52 बॉम्बर को उड़ाकर ईरान को कड़ी चेतावनी दी है। दरअसल,बीते गुरुवार को अमेरिका ने दो बी-52 बमवर्षक विमानों की उड़ान का ऐलान किया है। चूंकि,अमेरिका और सऊदी अरब की सेना लगातार ईरान के किसी भी खतरे पर नजदीकी से नजर बनाए हुए हैं।
इस बीच अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से दावा किया गया है कि ईरान, सऊदी अरब पर खासकर ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर हमले की योजना बना रहा था। जहां अमेरिका और सऊदी अरब,संयुक्त रूप से ईरान की ओर से इराक को होने वाले किसी खतरे पर भी नजर बनाए हुए हैं। बता दे कि इराक में विभिन्न सैन्य अड्डों पर हजारों की तादाद में अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। वहीं,ईरान से जुड़े मिलिशिया गुट भी अक्सर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की सेना पर इराक और सीरिया दोनों ही जगहों पर हमला करते रहते हैं।
जहां ईरान के इन हमलों को काउंटर करने के लिए अभी हाल ही में अमेरिका ने एक जवाबी हवाई कार्रवाई भी किया था। उधर,ईरान का मानना है कि सऊदी अरब उनके देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों को हवा दे रहा है। जहां इन हिजाब विरोधी प्रदर्शनों से ईरान में काफी तनाव है। जिसे लेकर अमेरिका को डर है कि इसी वजह से ईरान, सऊदी अरब को निशाना बना सकता है। सऊदी अरब और इराक पर ईरानी हमले के खतरे के बाद अमेरिका ने अलर्ट के स्तर को काफी बढ़ा दिया था।
इतना ही नहीं अमेरिका ने अपने पेट्रियाट मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी पूरी तरह से अलर्ट कर दिया है। अमेरिकी सैन्य अड्डों को भी खतरे के बारे में आगाह कर दिया गया है। सऊदी अरब और अमेरिका अपने फाइटर जेट को किसी और भी स्थान पर तैनात कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि अमेरिका ने जिन लड़ाकूं विमानों को खाड़ी देशों में भेजा है, उनमें से एक परमाणु हथियारों से भी लैस है। अब अमेरिका के इस कदम से ईरान पर कितना प्रभावी दबाव पड़ सकता है ? यह कहना मुश्किल है। लेकिन एक बात यह भी साफ है कि ईरान,पेंटागन के दबाव में जल्दी नहीं आता।