सांकेतिक तस्वीर।
नई दिल्ली/उदयपुर। बीते शनिवार रात को उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे पुल हुए विस्फोट की जांच में केंद्रीय जांच ऐजेंसी (NIA) सहित कई और भी केंद्रीय ऐजेंसियों के शामिल होने की रिपोर्ट सामने आ रही है। जहां इस दौरान घटनास्थल से जुड़े गांवों के आसपास दुकानों पर लगे CCTV फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। दरअसल,बीते शनिवार की रात में उदयपुर सिटी से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस रेलवे पुल पर हुए भीषण विस्फोट के चलते राजस्थान के अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय भी हरकत में आ गया है। क्योंकि,घटनास्थल पर मिले तमाम साक्ष्य जांच ऐजेंसियों को आतंकी घटना की संभावना की ओर सोचने पर मजबूर कर रहे हैं। यही कारण है कि NIA, स्टेट ATS समेत तमाम अन्य ऐजेंसियां भी इसकी जांच में जुट गई हैं। खबर तो यहां तक है कि सोमवार को नेशनल सिक्योरिटी गाड्र्स(NSG) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की टीमें भी मौके पर पहुंचीं और जांच शुरू कर दी है।
बता दे कि इस पूरे घटनाक्रम में आतंकी और नक्सली गतिविधियों के एंगल से भी जांच की जा रही है। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कहा है कि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को बुलाया गया है। हर एंगल से जांच होगी। उधर, ट्रैक को रेलवे की ओर से फिट घोषित कर दिया गया है। जहां अब ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू हो गया है।
बताया जा रहा है कि NIA के SP रवि चौधरी ने भी घटनास्थल का दौरा किया है,जहां इस दौरान टीम ने मौके से सैंपल भी लिए है। इस बीच ATS भी पूरे लाव-लश्कर के साथ घटनास्थल पर मौजूद रही। इतना ही नहीं आईबी की भी एक टीम जॉइंट डायरेक्टर के नेतृत्व में आई है। उन्होंने भी मौके का बारीकी से निरीक्षण किया है। इसी कड़ी में एनएसजी भी सुबह 10 बजे से 11:30 तक ब्रिज के आस-पास एक दर्जन से ज्यादा जगहों का मुआयना की है।
दरअसल,रेलवे ट्रैक पर विस्फोट बीते शनिवार रात करीब 10 बजे हुआ,जहां इस दौरान नजदीक के गाँव ओढ़ा जो कि घटनास्थल से महज एक किलोमीटर है,धमाके की आवाज़ वहां तक सुनाई दी। विस्फोट की आवाज़ इतनी तेज थी कि घर के बर्तन तक बजने लगे थे। अंधेरा अधिक होने के कारण रात में लोग मौके पर जाने की हिम्मत नहीं कर सके।
विस्फोट के बाद गांववाले घर पर ही सहम कर बैठे रहे। घटनाक्रम की सच्चाई करीब 9 घंटे बाद सुबह 7 बजे सामने आई। जब धमाके की बात सुनकर गांव के हीं दो युवक रेलवे ट्रैक पर देखने पहुंचे। मालूम हो कि सबसे पहले ट्रैक पर पहुंचने वाले संदीप और नारायण मीणा ही थे। क्योंकि,इन्ही लोगों की सतर्कता के चलते कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। जहां इसी बीच रेलवे व अन्य ऐजेंसियां हरकत में आई जिसके कारण सबसे पहले रेलवे का संचालन तत्काल रोका गया उसके बाद घटनास्थल पर पुलिस सहित अन्य ऐजेंसियों के तमाम अधिकारी मय फोर्स के पहुंचे। हालांकि क्षतिग्रस्त पटरियों के मरम्मत के बाद रेलवे का संचालन फिर से बहाल हो गया है तथा घटना की उच्चस्तरीय जांच भी शुरू कर दी गई है।