इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को चुपके से चीन कर रहा था मदद देने का ढोंग, जिससे कोलंबो चीन के उपर भढ़क उठा, यहीं नहीं काफी खरी-खोटी भी सुनाया – राकेश पांडेय/रविशंकर मिश्र


भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर (फाईल फोटो)

कोलंबो। श्रीलंका में जारी भीषण त्रासदी के बीच एक ऐसा दावा सामने आया जिसमें कि कहा गया कि चीन के उपर इस हमय कोलंबो भढ़का हुआ है,दरअसल एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वो चीन से आए फूड पैकेट्स और दूसरा सामान न लें। इतना ही नहीं श्रीलंका की फॉरेन मिनिस्ट्री ने चीन के विदेश मंत्रालय से भी इस बात पर विरोध जताया है कि उसने श्रीलंकाई कर्मचारियों को फूड आयटम्स के पैकेट क्यों भेजे ?

बता दे कि श्रीलंका के एक स्थानीय अखबार ने चीन से मिली मदद को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित किया,जिसमें यह दावा किया गया कि चीन श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को चावल,शक्कर और दाल के पैकेट्स बांट रहा था। जहां चीन के इस हरकत से श्रीलंका के विदेश सचिव और अधिकारी संगठन भढ़क गए,यही नहीं इस हरकत पर सख्त ऐतराज जताते हुए कहा कि श्रीलंका के फॉरेन मिनिस्ट्री को इन पैकेट्स के जरिए चीनी मदद की जरूरत नहीं है।

दावा किया जा रहा है कि कोलंबो में मौजूद चीनी एम्बेसी ने श्रीलंका-चीन फ्रेंडशिप एसोसिएशन के जरिए ये फूड पैकेट्स बांटने की कोशिश की थी। यह मामला शायद नजर में नहीं आता,लेकिन एक श्रीलंकाई अफसर ने गलती कर दी। इस अफसर ने फॉरेन मिनिस्ट्री के उन कर्मचारियों के एड्रेस मांगे ताकि उनके घर यह पैकेट्स पहुंचाए जा सकें। इसके बाद बवाल हो गया और अब चीन इस मामले पर घिरता नजर आ रहा है।

गौरतलब है कि श्रीलंका में जारी भीषण त्रासदी के लिए वहां के लोग सीधे-सीधे चीन को जिम्मेदार मान रहे हैं,बताया जा रहा है कि इस समय श्रीलंका में यदि भूल से भी चीन का कोई नाम ले रहा है तो उसे वहां के लोगों का भारी आक्रोश झेलना पड़ जा रहा है,वहीं भारत को श्रीलंकन बड़े भाई की भूमिका में देख रहे हैं। यहां तक की वहां के मंत्री,अधिकारी या नेता अथवा कोई भी श्रीलंकन सेलीब्रेटी हो सबके मुंह पर भारत के लिए मुक्त कंठ से सिर्फ तारीफ हीं तारीफ सुनने को मिल रहा है।

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