ताइवान के सैन्य हैलीकॉप्टर,सांकेतिक तस्वीर,फोटो साभार-( ताइवान के डिफेंस मिनिस्ट्री के ट्वीटर से)
बीजिंग/ताइपे। चीन-ताइवान के बीच जारी भीषण जंगी तनातनी के दौरान बड़ा दावा सामने आया है। जिसमें बताया जा रहा है कि चीन व ताइवान की रक्षा तैयारियों में तेजी देखी जा रही है। जबकि,इससे पहले रविवार को ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने बीजिंग को चेतावनी दी थी कि यह द्वीप ताइवान के लोगों का है। उन्होंने चीन का नाम लिए बगैर कहा था कि ताइवान का अस्तित्व किसी के लिए उकसावे की बात नहीं है।
दरअसल,सिंगापुर पोस्ट ने ताइवान के स्थानीय मीडिया पोस्ट के हवाले से यह रिपोर्ट किया है कि ताइवान ने लड़ाकूं विमानों और नौसैनिक पोतों जैसे बड़े सैन्य प्लेटफार्मों और प्रणालियों की खरीदी के बजाए छोटे घातक एंटी-शिप हथियारों और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों पर फोकस किया है।
इधर,चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी जिस तरह अपनी सेना को युद्ध की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया है, उसी तरह ताइवान की नेता ने भी साफ कहा है कि वह जिनपिंग की नीतियों के समक्ष सरेंडर नहीं करेंगीं। उन्होंने चीनी संप्रभुता के तहत स्वायत्तता के लिए जिनपिंग के ‘एक देश, दो सिस्टम’ के प्रस्ताव को मंजूर नहीं किया था।
चूँकि,चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने बीते 8 नवंबर को कहा था कि बीजिंग अपने सैन्य प्रशिक्षण को मजबूत करने और किसी भी जंग के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा था कि चीन की सुरक्षा को लेकर अस्थिरता व अनिश्चितता बढ़ रही है। चीनी राष्ट्रपति ने यह बात बीजिंग में चीन के सेंट्रल मिलेट्री कमीशन के साझा कमान सेंटर के दौरे के वक्त कही थी।
फिलहाल,अमेरिका पूरी ताकत के साथ ताइपे के साथ खड़ा दिख रहा है। जहां इस दौरान ताइवान की सुरक्षा में पहले से ही अमेरिका के कई जंगी जहाजों की फ्लीट ताइपे की समुंदर में तैनात है। इतना ही नहीं कई अमेरिकी पनडुब्बी भी चीनी गतिविधियों पर पूरी नजर बनाये हुई है। कुल मिलाकर वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए साफ हो गया है कि जिस तरह से इन दोनों देशों के बीच तेजी से जंगी तैयारियां हो रही है,इससे सहज हीं अंदाजा लगाया जा सकता है कि जंग कभी भी छिड़ सकती है।