इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

दुश्मन के जासूसी जहाज से संबंधित पूरे आॅपरेशन को खुद लीड कर रहे “राॅ” के चीफ, कोलंबो में “गोयल” की मौजूदगी की रिपोर्ट आई सामने, इंडियन नेवी भी अलर्ट पर – गौरव बरनवाल/बृजेश उपाध्याय


सांकेतिक तस्वीर।

नई दिल्ली/कोलंबो। पिछले कई महीने से दुश्मन के जासूसी जहाज युआन वांग-5 को लेकर भारत और श्रीलंका के बीच एक प्रकार से शीतयुद्ध छिड़ा हुआ है। जहां अब इस पूरे आॅपरेशन को खुद भारतीय खुफिया ऐजेंसी राॅ के चीफ सामंत कुमार गोयल लीड कर रहे हैं। इतना ही नहीं गोयल की कोलंबो में मौजूदगी की भी रिपोर्ट सामने आई है। वहीं,हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की चौकसी भी बढ़ गई है। बता दे कि रॉ के चीफ सामंत कुमार गोयल हाल ही में कोलंबो की यात्रा पर थे। जहां उन्‍होंने राष्‍ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के अलावा देश के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सागला रत्‍नायके से भी मुलाकात की।

दरअसल,श्रीलंका की एक वेबसाइट “टाइम्‍सऑनलाइन” के हवाले से यह रिपोर्ट किया गया है कि चीन का जासूसी जहाज युआन वांग-5, 16 से 22 अगस्‍त तक त्रिनकोमाली बंदरगाह पर मौजूद था। बताया जा रहा है कि चीन का यह जासूसी जहाज जहां रुका था वहां से बहुत ही आसानी से भारत की तरफ से होने वाले किसी भी बैलेस्टिक मिसाइल टेस्‍ट का पूरा डाटा दुश्मन का यह जहाज इंटरसेप्ट कर सकता था। यही कारण था कि भारत इसे लेकर बहुत चिंतित था।

हालांकि,रॉ चीफ ने श्रीलंका की सरकार से क्‍या बातचीत की ? इस बारे में ज्‍यादा जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन सूत्रों की मानें तो गोयल ने सुरक्षा से जुड़े मसलों को राष्‍ट्रपति विक्रमसिंघे के सामने उठाया था जिसमें से एक युआन वांग 5 का मसला भी शामिल था। मालूम हो कि दुश्मन का यह जासूसी जहाज “युआन वांग” अंतरिक्ष पर नजर रखने वाला जहाज है,जो किसी भी सैटेलाइट, रॉकेट और इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल लॉन्‍चर को ट्रैक कर सकता है। 11 अगस्‍त को श्रीलंका ने इस जहाज को त्रिनकोमाली बंदरगाह पर रुकने की मंजूरी दी थी। लेकिन भारत के विरोध के बाद उसे एंट्री नहीं मिली।

इतना ही नहीं दुश्मन के इस जहाज को लेकर भारत की तरफ से श्रीलंका की सरकार को कई ऐसे दस्‍तावेज मुहैया कराए गए थे जिसमें यह साफ-साफ बताया गया था कि चीनी जहाज भारत की सेनाओं की जासूसी करने के मकसद से आ रहा है। भारत के विरोध के बावजूद भी श्रीलंका ने 16 अगस्‍त को इस जहाज को एंट्री की मंजूरी दे दी थी।

फिलहाल,दुश्मन के इस जासूसी जहाज को लेकर भारत जिस तरह से हरकत में है,इससे साफ है कि मसला बहुत ही गंभीर व संवेदनशील है। क्योंकि जब इस पूरे आॅपरेशन को खुद राॅ के चीफ लीड कर रहे हैं और तो और इंडियन नेवी भी हिंद महासागर में अलर्ट पर है, तो आगे कुछ कहने की जरूरत हीं नहीं है।

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