एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

यूरोपीय देशों में मौजूद यूक्रेनी दूतावासों के खिलाफ बेहद खतरनाक साजिश आई सामने, दूतावासों को भेजा जा रहा लैटर बम, रूस ने झाड़ा पल्ला – हेमंत सिंह/नित्यानंद दूबे


सांकेतिक तस्वीर।

कीव/लंदन। रूस-यूक्रेन के बीच पूरे यूरोप में यूक्रेनी दूतावासों को निशाना बनाये जाने की रिपोर्ट सामने आ रही है। जिसमें कहा जा रहा है कि स्पेन सहित पूरे यूरोप में यूक्रेनी दूतावासों और कई वाणिज्य दूतावासों को जानवरों की आंखों वाले ‘खूनी पैकेज’ और लेटर बम भेजे जा रहे हैं। वहीं,यूक्रेनी विदेश मंत्रालय ने खूनी पैकेज को डराने वाला और आतंक का सुनियोजित अभियान बताया है। इतना ही नहीं यूक्रेन ने इस घटना के पीछे रूस का हाथ होने की आशंका जताई है।

दरअसल,यूक्रेनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से दावा किया गया है कि नीदरलैंड, पोलैंड, क्रोएशिया, इटली और ऑस्ट्रिया में दूतावासों के साथ-साथ चेक गणराज्य के नेपल्स और ब्रनो स्थित यूक्रेनी वाणिज्य दूतावासों में ‘खूनी पैकेज’ प्राप्त हुए थे। रोम में एक यूक्रेनी अधिकारी येवेनिया वोलोशचेंको ने भी कहा कि उनके दूतावास में प्राप्त पार्सल में मछली की आंख थी। चेक पुलिस ने कहा कि ब्रनो स्थित यूक्रेनी वाणिज्य दूतावास को मिले लिफाफे में ‘जानवरों के ऊतक’ थे।

पुलिस ने यह बताया है कि पैकेज में बम भी था, जिसके चलते तत्काल परिवेश को खाली कराया गया। पुलिस ने आगे यह कहा कि इसी तरह का एक पैकेज प्राग में यूक्रेनी दूतावास में पहुंचा है। उधर,रोम में भी यूक्रेनी दूतावास के बाहर खूनी पैकेज मिला है। इसी कड़ी में एक इतालवी पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि इस पैकेज में मल पदार्थ था। होली सी में तैनात यूक्रेनी राजदूत ने बताया कि रोम में मिले खूनी पैकेज में विस्फोट हो गया था, इससे पकैट में भरा हुआ मानव मल पदार्थ भी सब जगह फैल गया था, बिखरे मल पदार्थ से बाहर की सीढ़ी, छत और सामने के दरवाजे पूरी तरह ढक गए थे।

वहीं,इस घटना के लिए यूक्रेन ने रूस पर शक जताया है। यूक्रेन की तरफ से दावा किया गया है कि ऐसा इसलिए किया गया होगा ताकि कीव को अपने विदेशी कार्यालयों में भी सुरक्षा तैनात करनी पड़े। हालांकि,रूस ने इससे पल्ला झाड़ते हुए इसकी निंदा करते हुए इसे आतंकी घटना बताया है। स्पेन में रूसी दूतावास अपने बचाव में कहा कि राजनयिक मिशन के खिलाफ कोई भी खतरा या आतंकी गतिविधि पूरी तरह से निंदनीय है,और इसमें रूस की कोई भूमिका नहीं है।

यहां भले ही रूस इस तरह की घटनाओं से खुद को अलग करने की कोशिश कर रहा है लेकिन जो हालात है उससे क्या अंदाजा लगाया जा सकता है ? यह कहना बिल्कुल ही मुश्किल है। परंतु इस घटना को ठीक उसी तरह से देखा जा सकता है जैसे अभी हाल ही में नाटों के सदस्य देश पोलैंड के एक गांव में जब रूसी मिसाइलें गिरी थी, जिसे लेकर काफी शोर-शराबा मचा हुआ था। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि कोई ऐसा है जो इस जंग को और भी खतरनाक तरीके भढ़काने के मिशन पर लगातार सक्रिय है। अब वह कौन हो सकता है ? यह नहीं मालूम है।

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