इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

बीते 90 दिनों से कतर की कैद काट रहे भारतीय नौसेना के पूर्व 8 अधिकारियों की रिहाई लटकी अधर में, एक महिने की और बढ़ी कैद,अभी तक नहीं बताया गया गिरफ्तारी का कारण – चंद्रकांत मिश्र (एडिटर इन चीफ)


सांकेतिक तस्वीर।

नई दिल्ली/दोहा। बीते 90 दिनों से अधिक समय से कतर की कैद काट रहे भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों की रिहाई अधर में लटकने की रिपोर्ट सामने आई है। वहीं,इस बीच पीड़ितों के परिजनों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि कोर्ट में सुनवाई के बाद सभी पूर्व नौसैनिकों की कस्टडी एक महीने के लिए और बढ़ा दी गई है। इतना ही नहीं परिवार के सदस्यों का कहना है कि इन सभी को किस आरोप में हिरासत में लिया गया है,अभी तक इसकी जानकारी नहीं मिली है।

दरअसल,रविवार को कतर में कोर्ट के तीन जजों वाली बेंच में रिहाई की सुनवाई के दौरान 90 दिनों से अधिक कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों को अदालत ने एक महिने और जेल में रखने का फरमान सुनाया है। इस दौरान वहां मौजूद इन अफसरों के परिजनों को बहुत ही कम वक्त के लिए मिलने दिया गया। बता दे कि परिजनों को अभी तक यह भी नहीं मालूम हो सका है कि इन लोगों को हिरासत में क्यों रखा गया है ? हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय इन भारतीय कैदियों की मदद में लगातार मदद करने का दावा कर रहा है।

बता दे कि भारतीय नौसेना के सभी आठ पूर्व कर्मियों को दोहा में 30 अगस्त की रात को हिरासत में ले लिया गया था। तब से उन्हें एकांत कारावास में रखा गया है,और उनके खिलाफ आरोपों की कोई सार्वजनिक जानकारी नहीं दी गई है। उनके परिवार नई दिल्ली से उनकी शीघ्र रिहाई के लिए आग्रह कर रहे हैं। हिरासत में लिए गए लोगों में कमांडर (सेवानिवृत्त) पूर्णेंदु तिवारी भी हैं,जो एक भारतीय प्रवासी हैं, जिन्हें 2019 में प्रवासी भारती सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

गौरतलब है कि भारतीय नौसेना से सेवानिवृत होने के बाद ये सभी नौसैनिक अफसर कतर की एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे। यह कंपनी कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करती है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, कंपनी का नाम दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एवं कंसल्टेंसीज सर्विसेज है। कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सरकारी एजेंसी की स्थानीय भागीदार बताती है। जहां इस साल बीते 30 अगस्त को इन आठों भारतीय अधिकारियों को हिरासत में ले लिया गया, जिसकी जानकारी काफी दिनों तक दबाकर रखी गई। इस बीच एक महिला ट्वीटर यूजर ने खुलासा किया तब जाकर यह मामला सार्वजनिक हुआ। हालांकि, भारत और कतर अभी भी गिरफ्तारी का कारण स्पष्ट नहीं कर सकें है।

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