एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

खूंखार आतंकी संगठन “IS” के नये सरगना को कश्मीरी आतंकियों ने दिया समर्थन, भारतीय ऐजेंसियों की बढ़ी टेंशन, हरकत में आई खुफिया एजेंसियां – हेमंत सिंह/नित्यानंद दूबे


सांकेतिक तस्वीर।

श्रीनगर/बेरूत। दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन “इस्‍लामिक स्‍टेट” के सरगना अबू हसन अल हाशिमी अल कुरैशी की मौत के बाद अबू अल हुसैन अल हुसैनी अल कुरैशी के इस खूंखार आतंकी संगठन की कमान संभालने की रिपोर्ट सामने आई है। जहां इस संगठन के इस नए खलीफा (सरगना)को समर्थन देने के लिए दुनियाभर से आतंकी व समर्थक उसके पास पहुंच रहे हैं। इस बीच भारत के कश्‍मीर राज्‍य में सक्रिय आतंकी संगठन “व‍िलायाह हिंद” भी इस समर्थन अभियान में शामिल हो गया है। इतना ही नहीं इन कश्‍मीरी आतंकियों ने इस नए ‘खलीफा’ के प्रति अपने समर्थन का ऐलान भी किया है।

दरअसल, खूंखार आतंकी संगठन “इस्‍लामिक स्‍टेट” ने ऐलान किया था कि उसके सरगना अबू हसन अल हाशिमी अल कुरैशी की जंग के दौरान मौत हो गई है। बता दे कि वह एक इराकी नागरिक था। चूंकि,कुरैशी से तात्‍पर्य पैगंबर मोहम्‍मद साहब के एक कबीले से है। किसी भी इस्‍लामिक स्‍टेट के सरगना के लिए इस कबीले से जुड़ा होना जरूरी होता है। हालांकि,साल 2014 में बहुत तेजी से उभार के बाद अब इस्‍लामिक स्‍टेट का ‘साम्राज्‍य’ लगभग ढह चुका है।

ऐसे में अबू अल हुसैन अल हुसैनी अल कुरैशी के इस्‍लामिक स्‍टेट की कमान संभालने के बाद दुनियाभर से आईएस समर्थक आतंकी गुट उसे अपना समर्थन देने के लिए पहुंच रहे हैं। इस दौरान कश्‍मीर में सक्रिय आतंकी संगठन व‍िलायाह हिंद के आतंकी भी समर्थन देने पहुंचे हैं। वहीं,आईएस ने कश्‍मीरी आतंकियों की तस्‍वीर जारी करके बताया कि उन्‍होंने नए खलीफा के साथ गठजोड़ का प्रण किया है। दरअसल, इस्‍लामिक स्‍टेट ने भारत में भी एक ‘प्रांत’ बनाया है।

बता दे कि आईएस के ये आतंकी अक्‍सर कश्‍मीर में भारतीय सुरक्षाबलों पर हमले करते रहते हैं। आईएस इस प्रांत का नाम ‘विलायाह ऑफ हिंद’ दिया है। इस आतंकी संगठन ने कई भारतीय सैनिकों की शोपियां और अन्‍य जिलों में अब तक हत्‍या कर चुका है। इतना ही नहीं इसी आईएस ने श्रीलंका में भी ईस्‍टर संडे के दिन भीषण आतंकी हमले को अंजाम दिया था जिसमें कम से कम 253 लोग मारे गए थे।

वहीं,इस खूंखार आतंकी संगठन IS के समर्थन में मौजूद कश्मीरी आतंकियों ने भारतीय सुरक्षा ऐजेंसियों की नींद उड़ा दी है। क्योंकि,कश्‍मीर में सोफी नामक आतंकी पिछले करीब एक दशक से सक्रिय था और उसने भी आईएस के साथ हाथ मिला लिया था। जहां एक शूट आऊट में उसे भारतीय सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। जिससे भारतीय सेना को यह उम्‍मीद थी कि सोफी आईएस में सक्रिय एकमात्र आतंकी था। लेकिन अब नए आतंकियों के आईएस के खलीफा से मिलने की पुष्टि होने पर भारतीय ऐजेंसियों की टेंशन बढ़ गई है। हालांकि, भारतीय खुफिया एजेंसियां घाटी में जरूरत से ज्यादा सक्रिय है, जिस वजह से इन आतंकियों से बहुत खतरा नहीं है। क्योंकि,इन आतंकियों को बखूबी मालूम है कि जब भी सुरक्षाबलों से आमना-सामना होता है तो नुकसान आतंकियों का हीं होता है।

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