एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

रूस-यूक्रेन जंग के बीच सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिकन में रूसी अंबैसी पर हुआ आत्मघाती हमला, रूसी राजनयिक हुए गंभीर रूप से घायल, क्रेमलिन में हड़कंप – विजयशंकर दूबे/राजेंद्र दूबे


रूसी स्नाइपर, फोटो साभार -(रूसी डिफेंस मिनिस्ट्री के टेलिग्राम से)

मॉस्को। रूस-यूक्रेन के बीच जारी भीषण जंग के दौरान बहुत बड़ी खबर सामने आई है,दावा किया जा रहा है कि सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिकन में स्थित रूसी एंबेसी पर पार्सल बम से हमला हुआ है। इस हमले में रूसी राजनयिक दिमित्री साईटी के गंभीर रूप से घायल होने की रिपोर्ट है। बता दे कि इससे पहले यूरोपीय देशों यूक्रेनी दूतावासों को इसी तरह से निशाना बनाया गया था। तब रूस ने इस घटनाक्रम की निंदा करते हुए इसे आतंकी घटना करार दिया था।

बता दे कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच अब पार्सल बम का नया हमला शुरू हुआ हो गया है। पहले यूरोप स्थित अलग-अलग यूक्रेनियन एंबेसी में पार्सल में खतरनाक चीजें भेजी गईं। फिर यूक्रेन आए पोलैंड के सुरक्षा अधिकारी ऐसे गिफ्ट बम की चपेट में आए और अब अफ्रीका के रूसी एंबेसी पर पार्सल बम से हमला हुआ है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पार्सल बम वॉर का नया हथियार बन गया है। इसी तरह से पिछले महीने स्पेन की राजधानी मैड्रिड में यूक्रेनी दूतावास पर पार्सल बम धमाके में एक व्यक्ति घायल हो गया। इसके बाद वहां सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। जहां पुलिस ने बताया कि यूक्रेनी एंबेसी में एक कर्मचारी पार्सल रिसीव करते समय घायल हो गया। यह सिलसिला लगातार आगे बढ़ता गया। इस महीने की शुरुआत में स्पेन में प्रधानमंत्री से लेकर एयरफोर्स तक पार्सल बम पहुंचे थे। राजधानी मैड्रिड में पार्सल बम से हड़कंप मच गया था।

वहीं अन्य यूरोपियन देशों में भी यूक्रेनी दूतावासों को ऐसे खूनी पार्सल मिल थे। जहां छह यूरोपियन देशों की यूक्रेनी दूतावासों को ऐसे पार्सल बम मिलने की खबर थी। इन पार्सलों में जानवरों की आंखें मिलने से सनसनी मच गई थी। युद्ध के बीच पार्सल के मैसेज को समझने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि ऐसा ही एक पार्सल बम स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज को भेजा गया था।

फिलहाल, इस ताजे आत्मघाती हमले की चपेट में आने से रूसी राजदूत के गंभीर रूप से घायल होने की रिपोर्ट ने क्रेमलिन में हड़कंप मचा दिया है। ऐसे में यदि जंग को भढ़काने यह सिलसिला रूका नहीं तो आगे इस जंग का बेहद भयावह परिणाम से पूरी दुनिया जल्द हीं रूबरू होगी,जो कि पूरी दुनिया के लिए बेहद खतरनाक साबित होगी। क्योंकि,दुनिया में अब तक जितने भी बार विश्वयुद्ध हुए,ऐसी परंपरा कभी नहीं शुरू हुई जैसा कि इस समय हो रहा है। मतलब दूतावासों को कभी भी किसी भी पक्ष द्वारा कभी नहीं निशाना बनाया गया।

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