स्पेशल रिपोर्ट

दुश्मन के जासूसी जहाज “युआन वांग-5” के मिशन को फेल करने के लिए इंडियन नेवी चीफ पहुंचे थे कोलंबो, ऐडमिरल आर हरि कुमार बीते शनिवार को हीं लौटे है भारत – हेमंत सिंह/नित्यानंद दूबे


श्रीलंका के CDS जनरल शावेंद्र सिल्वा सामने से बायें और दायें इंडियन नेवी चीफ ऐडमिरल आर हरि कुमार फोटो साभार -(इंडियन नेवी के ट्वीटर से)

नई दिल्ली/कोलंबो। रूस-यूक्रेन जंग के बीच चीन भी भारत के खिलाफ लगातार जंगी साजिशों को अंजाम देने में जुटा हुआ हैं,जहां अभी हाल ही में अरूणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय जवानों के बीच झड़प हो गई थी। वहीं,पिछले दिनों भारतीय नौसेना प्रमुख कोलंबो पहुंचे और उन्‍होंने राष्‍ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की। दावा किया जा रहा है कि इस दौरान इंड‍ियन नेवी चीफ ने चीनी जासूसी जहाज “युआन वांग-5” को लेकर कोलंबो को ‘गंभीर चिंता’ जताई है। हालांकि,इस दौरान ऐडमिरल आर हरि कुमार ने श्रीलंका के चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ जनरल शावेंद्र सिल्वा से भी मुलाकात की है।


श्रीलंका के CDS जनरल शावेंद्र सामने से बाये और दाये ऐडमिरल आर हरि कुमार, साथ में दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी गण, फोटो साभार-( इंडियन नेवी के ट्वीटर से)

इस दौरान भारतीय नौसेना प्रमुख ने श्रीलंका से भारत के रणनीतिक महत्‍व के कई लंब‍ित इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रॉजेक्‍ट को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया है। क्योंकि, इन प्रोजेक्ट को राजपक्षे परिवार मंजूरी देने से किनारा कर रहा है। भारत ने श्रीलंका से कहा कि समुद्र में चीन के कदम से भारतीय राष्‍ट्रीय सुरक्षा के प्रति खतरा पैदा हो गया है और वह इसका विरोध करे। दरअसल,चीन का जासूसी जहाज युआन वांग-5 अब तक दो बार श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर शरण ले चुका है। बताया जा रहा है कि पूर्व राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने चीनी जासूसी जहाज को मंजूरी दी थी। यही जहाज अभी अग्नि 5 मिसाइल टेस्‍ट के दौरान भी हिंद महासागर में आया था।


श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के साथ हाथ मिलाते हुए इंडियन नेवी चीफ ऐडमिरल आर हरि, फोटो साभार -(इंडियन नेवी के ट्वीटर से)

इस बीच सूत्रों के हवाले से यह दावा किया जा रहा है कि श्रीलंका ने भारत से कहा है कि उसने इसलिए चीनी जासूसी जहाज को मंजूरी दी ताकि चीन लोन को रीस्‍ट्रक्‍चर करने के लिए तैयार हो जाए। क्योंकि,श्रीलंका आईएमएफ के साथ लोन लेना चाहता है और इसके लिए चीन का कर्ज को रीस्‍ट्रक्‍चर करना अनिवार्य है। वहीं,अब खबर आ रही है कि चीन ने श्रीलंका को बड़ा झटका दिया है और जासूसी जहाज को मंजूरी देने के बाद भी अब तक कर्ज के पुर्नगठन को मंजूरी नहीं दी है। फिलहाल,भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरी कुमार ने अब इस पूरे मुद्दे को राष्‍ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से उठाया है। बता दे कि उनका यह दौरा शनिवार को खत्‍म हुआ है।

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