“बिकनी किलर” शोभराज,फोटो साभार-(सोशल मीडिया से)
काठमांडू। ‘बिकिनी किलर’ के नाम से मशहूर चार्ल्स शोभराज के शुक्रवार को नेपाल की जेल से बाहर निकल जाने की रिपोर्ट सामने आई है। जहां इस दौरान वह एक भारतीय मीडिया समूह से बातचीत के दौरान “कंधार प्लेन हाईजैक” को लेकर अपनी भूमिका के बारे में बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है। इतना ही नहीं उसने यहां तक दावा किया कि वो कई बार पाकिस्तान भी जा चुका है और खूंखार आतंकी मसूद अजहर से भी मिल चुका है।
दरअसल,शोभराज ने कहा कि वह वर्ष 2000 से 2003 के बीच उसने पाकिस्तान की कई यात्राएं कीं और इस दौरान वह खूंखार आतंकी मसूद से भी मिला था। उसने बताया कि वर्ष 1999 में कंधार प्लेन हाईजैक के दौरान उस समय भारत सरकार मेरे संपर्क में थी। जसवंत सिंह लगातार मुझसे सीधे संपर्क में थे। सबसे पहले उन्होंने पेरिस में मुझसे मिलने के लिए एक दूत भेजा। उस मुलाकात और जसवंत सिंह के साथ मेरी सीधी बातचीत के बाद मैंने मसूद की पार्टी हरकत उल अंसार के लोगों से संपर्क किया। बेशक, उन्होंने यात्रियों को छोड़ने से इनकार कर दिया, लेकिन मैं उनसे एक वादा लेने में सफल रहा कि 11 दिनों तक वे यात्रियों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।
चार्ल्स शोभराज ने इस घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि मैने जसवंत सिंह को फोन किया, उनसे कहा कि मेरी राय में 11 दिन तक किसी यात्री को नुकसान नहीं होगा, इसलिए भारत के पास बातचीत के लिए 11 दिन थे। वास्तव में यात्रियों को बचाने के लिए भारत सरकार के पास मसूद को रिहा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
शोभराज ने आगे भी कहा कि जसवंत सिंह ने कुछ दिन बाद मुझे फोन किया और कहा कि वे मसूद के साथ बैठे थे और मुझसे कहा कि मैं उससे बात करूं और उसे समझाने की कोशिश करूं कि वह अपने लोगों को यात्रियों को रिहा करने का आदेश दे। मैंने सीधे मना कर दिया, यह कहते हुए कि मसूद कभी नहीं मानेगा और फिर मैंने उनसे कहा कि मुझे विश्वास है कि 11 दिनों के बाद वे कुछ यात्रियों को मारना शुरू कर देंगे।
गौरतलब है कि वर्ष 1999 में इंडियन एयरलाइंस के एक यात्री विमान को मौलाना मसूद अजहर जो कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक है इसकी साजिश के तहत कुछ आतंकियों द्वारा अपहरण कर अफगानिस्तान के कंधार में लाया गया था। जहां पर इन अपहरणकर्ताओं ने भारत के कश्मीर में पहले से ही बंद कई खूंखार आतंकियों की रिहाई की मांग की थी। जहां बाद में भारत सरकार ने इन आतंकियों की मांग स्वीकार करते हुए इन आतंकियों को रिहा कर दिया था। हालांकि, उस समय शोभराज का इस घटना में कहीं नाम नहीं आया था। फिलहाल,नेपाल की जेल से रिहा होने पर शोभराज को फ्रांस भेजा जा रहा है।