सांकेतिक तस्वीर।
लंदन। रूस-यूक्रेन जंग के बीच यूरोप में एक और जंगी मोर्चा खुलने की रिपोर्ट सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि यह टकराव काफी दिनों से चल रहा है जो कि नये साल पर एक नये जंग के रूप में पूरी दुनिया के सामने आ रहा है। दरअसल,यूरोप के दो देश सर्बिया और कोसोवो के बीच काफी समय से तनातनी चल रही है। मालूम हो कि कोसोवो नाटों समर्थित देश है जबकि सर्बिया को रूस का समर्थन हासिल है।
क्योंकि,सर्बियाई के रक्षा मंत्री मिलोस वूसेविक ने सोमवार को अपनी सेनाओं को कभी भी युद्ध के लिए तैयार होने का हाईअलर्ट जारी कर दिया है,तो वहीं 2008 में सर्बिया से स्वतंत्र हुए कोसोव ने भी पीछे नहीं हटने का फैसला किया है। दरअसल, 3 दिन पहले यानि बीते रविवार को दोनों देशों की सीमा पर कथित तौर पर फायरिंग हुई थी। जहां कोसोव ने आरोप लगाया कि ये फायरिंग सर्बिया ने की, वहीं सर्बिया का कहना है कि ये फायरिंग कोसोव में तैनात केएफओआर (कोसोवो में नाटो के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय शांति सेना) की तरफ से की गई है। इस बीच केएफओआर की ओर से कहा कि वह मामले की जांच कर रहा है। वहीं सर्बिया के प्रधानमंत्री एना ब्रनाबिक ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच युद्ध कराने की साजिश है।
वहीं,इन दोनों देशों के बीच जारी जंगी तनातनी के दौरान यूरोपियन यूनियन और नाटों ने दोनों पक्षों से पूरा संयम बरतने और शांति के लिए प्रयास करने को कहा है। बता दे कि कासोव और सर्बिया सीमा पर इस समय नाटों के 3500 से अधिक सैनिक तैनात हैं। गौरतलब है कि कोसोवो के नार्थ में रहने वाले करीब 50,000 नागरिक सर्ब इथिनिसिटी के हैं। ये अपनी जातीय पहचान के लिए सर्बियाई अधिकारियों द्वारा जारी लाइसेंस प्लेट और दस्तावेजों का उपयोग करते हैं। साथ ही नियमों और प्रावधानों को लागू करने के कोसोवो के अधिकार को भी मान्यता नहीं देते। यही कारण है कि दोनों देशों के बीच अक्सर तनातनी बनी रहती है। लेकिन वर्तमान हालात सीधे तौर पर निकट भविष्य में इन दोनों के बीच भीषण जंग छिड़ने का संकेत दे रहा है।