इजरायली PM बेंजामिन,फोटो साभार -(बेंजामिन के ट्वीटर से)
तेल अवीव। भारत के PM मोदी के दोस्त इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन पर हुई वोटिंग के खिलाफ अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इजरायल संयुक्त राष्ट्र के घृणित वोटिंग मानने को मजबूर नहीं है। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि यहूदी लोग अपनी भूमि पर कब्जा करने वाले नहीं हैं और न ही हमारी शाश्वत राजधानी यरुशलम में कब्जा करने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र का कोई भी प्रस्ताव उस ऐतिहासिक सच्चाई को तोड़-मरोड़ नहीं सकता है। बता दे कि इस वोटिंग में फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल के लंबे समय तक कब्जे और उसे अलग करने के कानूनी परिणामों पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से राय मांगी गई थी। जहां इस दौरान वोटिंग से भारत गैर हाजिर रहा।
दरअसल,इस मसौदा प्रस्ताव का नाम ‘इजरायली गतिविधियां जो पूर्वी यरुशलम सहित कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में वहां के लोगों के मानवाधिकारों को प्रभावित करती हैं।’ इसमें अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से सलाह देने का अनुरोध किया गया था कि 1967 के बाद से फिलिस्तीनी क्षेत्र पर कब्जा करके, बस्तियां बसाकर और आक्रमण करके इजरायल की ओर से किए जा रहे फिलिस्तीनी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार के उल्लंघन के क्या कानूनी परिणाम हो सकते हैं। इसमें इजरायल के यरुशलम की जनसांख्यिकी में बदलाव करने, इसके चरित्र और स्थिति को बदलने की कोशिश करने और भेदभावपूर्ण कानून लागू करने का जिक्र भी किया गया था।
इस पर संयुक्त राष्ट्र में इस प्रस्ताव के पक्ष में 87 वोट पड़े। वहीं, 26 वोट इसके खिलाफ भी डाले गए। दुनिया के 53 देशों ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग से परहेज भी किया। जिन देशों ने इजरायल के खिलाफ वोटिंग से दूरी बनाई उनमें भारत, फ्रांस, ब्राजील, जापान, म्यांमार जैसे देश शामिल थे। मालूम हो कि इजरायल ने इस वोटिंग के पहले भी संयुक्त राष्ट्र की जमकर आलोचना की थी।