एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

POK के गिलगित में एक बार फिर शुरू हुआ पाक फौज के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन, पहले से ही चौतरफा दबाव का सामना कर रही फौज पर आई नई मुसीबत – विजयशंकर दूबे (एडिटर इन क्राईम)


पाक फौज के प्रवक्ता,लेफ्टिनेंट जनरल बाबर (फाईल फोटो)

इस्‍लामाबाद। पाकिस्‍तानी फौज के सितारे इस समय गर्दिश में चल रहे है। क्योंकि, पाकिस्तानी सेना का कमान जबसे जनरल असिम मुनीर संभाले है उसके बाद से ही पाकिस्तानी फौज पर शामत आन पड़ी है। बता दे कि असिम के चीफ होते ही टीटीपी ने पाकिस्तान के खिलाफ जेहाद छेड़ दिया, उसी में बलूच विद्रोही भी सामने आ गए, रही बची कसर अफगान तालिबान पूरा कर रहे हैं। अब इसी बीच पाक अधिकृत कश्‍मीर (PoK) के अंतर्गत आने वाले गिलगित-बाल्टिस्‍तान में इन दिनों पाक फौज के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि गिलगित-बाल्टिस्‍तान के लोग पिछले कई सालों से पाकिस्तानी हुकूमत से बहुत नाराज हैं। इन लोगों को भारत से काफी उम्‍मीदें हैं लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो अब वो उम्‍मीदें भी टूटने लगी हैं। गिलगित-बाल्टिस्‍तान में सन् 1974 को एक कानून खत्‍म करके पाकिस्‍तान के हर नागरिक को यहां पर जमीन खरीदने का अधिकार दे दिया गया था।

दरअसल,गिलगित-बाल्टिस्‍तान में लोग पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। ये लोग नारे लगा रहे हैं, ‘काबिज फौजी मुर्दाबाद।’ विशेषज्ञों के मुताबिक अब लोगों को कोई भी उम्‍मीद नजर नहीं आ रही है। उनका कहना है कि सन् 1947 से ही इन लोगों पर अत्‍याचार हो रहा है। इस समय पीओके के गिलगित में हर तरफ विरोध प्रदर्शन का नजारा है। यहां के नागरिकों का कहना है कि पाकिस्‍तान की सेना ने गैर-कानूनी तरीके से उनकी जमीन पर कब्‍जा कर लिया है।

इस विरोध के पीछे असल कारण यह है कि सेना पिछले कई सालों से इनकी जमीन हथिया रही है लेकिन यह पहली बार है जब इस स्‍तर पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। गिलगित के मिनवार गांव में स्‍थानीय नागरिकों ने पिछले दिनों गिलगित स्‍काउट्स और पाकिस्‍तानी आर्मी के जवानों को घेर लिया था। यह जवान उनके घरों और बाकी संपत्तियों को गिराने आए थे। उस समय भी लोगों ने बड़े स्‍तर पर प्रदर्शन किए थे। प्रदर्शनकारी तो यहां तक कह रहे हैं कि पाकिस्‍तान की सेना उनकी कृषि योग्‍य जमीन भी जबरन हथिया रही है। वहीं इस मसले पर कुछ स्‍थानीय नागरिकों ने तो यहां तक कहा कि सेना एक साजिश के तहत गिलगित-बाल्टिस्‍तान के लोगों तक फायदों को नहीं पहुंचने दे रही है।

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