एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

पाकिस्तान के एक्स PM इमरान खान के चहेते नेता ने किया कई सनसनीखेज खुलासा, मचा बवाल – विजयशंकर दूबे (एडिटर इन क्राईम)


फव्वाद चौधरी, इमरान खान के करीबी नेता,फाईल फोटो -( फव्वाद चौधरी के ट्वीटर से)

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में चारों तरफ मचे सियासी बवाल और विभिन्न विद्रोही संगठनों द्वारा जारी आत्मघाती हमलों के बीच इमरान के चहेते नेता और पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने सनसनी मचाने वाला बड़ा खुलासा किया है। चौधरी ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी सेना ने इमरान खान को अप्रैल 2022 में प्रधानमंत्री पद से हटवाया था। उन्होंने यहां तक कहा कि इसकी साजिश पूर्व आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने रची थी। बता दे कि इससे कुछ दिन पहले ही इमरान खान ने भी दावा किया था कि जनरल बाजवा उनकी हत्या करवाकर पाकिस्तान में आपातकाल लगाना चाहते थे।

दरअसल,बीबीसी को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान के पूर्व सूचना मंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता फवाद चौधरी ने कहा कि कुछ आर्मी जनरल, साथ ही पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पीटीआई सरकार को घर भेजने में सक्रिय रूप से शामिल थे। जब उनसे पूछा गया कि पाकिस्तानी सेना ने इमरान खान की पार्टी को सत्ता में आने में कैसे मदद की तो उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी 22 साल के प्रयास से सत्ता में आई है। हालांकि,उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि उनकी पार्टी को एक साजिश के जरिए सत्ता से हटाया गया।

चौधरी ने आगे भी कहा कि उस साजिश में, सेना के कुछ जनरल भी शामिल थे। इसमें कोई संदेह नहीं है और इमरान खान को हटाने में सत्ता प्रतिष्ठान (पाकिस्तानी सेना) ने वास्तव में बहुत सक्रिय भूमिका निभाई थी। वास्तव में, अंतिम सेना प्रमुख भी हमारी सरकार को घर भेजने में सक्रिय रूप से शामिल थे। पूर्व मंत्री ने यह भी दावा किया कि सत्ता प्रतिष्ठान पिछली सरकार में पीटीआई से संबद्ध दलों को भी नियंत्रित कर रहा था। उनके ही कहने पर हमारी सहयोगी पार्टियों ने बगावत की और विपक्ष का दामन थाम लिया।

इस दौरान फवाद चौधरी ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के डीजी नदीम अंजुम से जुड़े सवालों के जवाब में कहा कि मौजूदा सेना प्रमुख ने अभी कार्यालय ग्रहण किया है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि नीति में बदलाव होगा, लेकिन आखिरी प्रमुख (जनरल बाजवा) सच नहीं बोल रहे थे जब उन्होंने कहा कि हमने उनकी मदद मांगी थी। हमने केवल उन्हें तटस्थत रहने के लिए कहा था। आगे भी उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने महत्वपूर्ण बैठकों में पीटीआई सरकार को हटाने में अमेरिका की कथित भागीदारी के बारे में साक्ष्य प्रस्तुत किया, लेकिन उन्होंने उन सबूतों पर ध्यान नहीं दिया।

गौरतलब है कि बीते साल जब इमरान सरकार चली गई और उनकी जगह शहबाज शरीफ की सरकार बनी, तो उसके बाद से ही पूरे पाकिस्तान में सियासी उबाल अपने चरम पर है, जहां इस बीच इमरान खान के उपर जानलेवा हमला भी हुआ,हालांकि इस हमले में इमरान खान सिर्फ घायल हुए जिसके लिए खान ने पाकिस्तान की मौजूदा सरकार के साथ कुछ पाक फौज के सैन्य अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। फिलहाल इस हमले की जांच जारी है, जिसमें कुछ ऐसे भी संकेत मिले है जिससे यह साबित होता है कि यह हमला एक वेल प्लांड था। फिलहाल जांच अभी पूरी नहीं हुई है। इस बीच बीते नवंबर से ही टीटीपी विद्रोही संगठन और बलूच विद्रोहियों ने पाक हुकूमत के खिलाफ हमले तेज कर दिये है। ऐसे में चौतरफा तमाम समस्याओं से जूझ रहे पाकिस्तान में इमरान खान ने एक बार फिर सियासी तूफान में जान फूंक दिया है, जो कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान के लिए एक बड़े संकट का दौर साबित होगा।

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