
फोटो साभार – (इंडियन आर्मी के हवाइट नाईट कार्प्स के ट्वीटर से)
जम्मू। नये साल पर राजौरी के डांगरी गांव में आतंकियों द्वारा हिंदुओ की सामूहिक हत्या के बाद भारतीय सेना ने हिंदुओं को आत्म रक्षा के बावत अखनूर के सुंदरवनी में VDG का एक स्पेशल फायरिंग प्रैक्टिस सेशन रखा। जिसमें LOC के पास के गांवों के 50 से ज्यादा लोग शामिल हुए। बता दे कि भारतीय सेना विलेज डिफेंस गार्ड (VDG) को हथियारों की ट्रेनिंग दे रही है। उन्हें आधुनिक राइफल SLR की भी ट्रेनिंग दी जा रही है।
इस बीच सेना के अलावा अब CRPF ने भी कैंप लगाकर उन लोगों को चुना है, जो VDG का हिस्सा बनना चाहते हैं। उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है। दरअसल,हाल में हुए हमलों के बाद जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने 26 जनवरी को होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर VDG को सतर्क रहने के लिए कहा है। आशंका है कि आतंकवादी जम्मू क्षेत्र में शांतिपूर्ण माहौल को बाधित कर सकते हैं। इसलिए वीडीजी जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों के साथ-साथ भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर भी सक्रिय हो गए हैं।
वहीं,राजौरी के डांगरी गांव के हमले के सिलसिले में पूछताछ का सिलसिला मंगलवार को भी यानि घटना के नौवें दिन भी जारी रहा। जहां अब तक 50 से ज्यादा को हिरासत में लिया गया है। आतंकवादियों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान भी चल रहा है। जिले में कई जगहों पर पुलिस पोस्टर भी लगे हैं, जिसमें आतंकवादियों के बारे में सूचना देने वाले को 10 लाख का इनाम देने की घोषणा की गई है।
गौरतलब है कि 1 जनवरी को हुए इस हमले के बाद डांगरी के सरपंच धीरज शर्मा के हवाले से बताया गया था कि क्षेत्र में एक ग्राम रक्षा समिति (VDC) थी, लेकिन पुलिस ने 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों से हथियार वापस ले लिए थे। उन हथियारों को फिर से अलॉट भी नहीं किया गया। अगर VDC के सदस्यों के पास हथियार होते तो वे आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देते। जहां इस दौरान जम्मू डीजीपी ने भी दावा किया था कि लोगों को हथियार मिलेंगे।
दरअसल,वर्ष 1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पहाड़ी इलाकों में बढ़ते आतंकी हमलों के खिलाफ ग्राम सुरक्षा समिति का गठन किया गया था। इसके चलते लोगों को खुद की और अपनों की रक्षा करने के लिए हथियार चलाना सिखाया जाता था। इस कमेटी में स्थानीय लोगों को भर्ती करके उन्हें हथियार दिए गए थे। जहां बाद में जब आतंकी हमले रुक गए, तब सदस्यों से हथियार वापस ले लिए गए। हाल ही में वीडीसी यानी ग्राम रक्षा समिति का नाम बदलकर अब ग्राम रक्षा गार्ड (VDG) कर दिया गया। फिलहाल,डांगरी कांड के बाद अब सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बल आम लोगों को हथियारों की ट्रेनिंग करा रहे हैं।
