
अमेरिकी नेवी के मरीन एक ड्रिल आॅपरेशन के दौरान, फोटो साभार -(अमेरिकी नौसेना के ट्वीटर से)
बीजिंग। पहले से ही कई मुद्दों पर अमेरिका से जारी तनातनी के बीच चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और जापान को काल्पनिक दुश्मन बनाने से बचने और इलाके को जंग के अखाड़े में बदलने से बचने को कहा है। चीन ने यह भी कहा कि इन देशों को शीत युद्ध की मानसिकता से बाहर आने की जरूरत है। इतना ही नहीं, चीन ने अमेरिका से अपन वैचारिक पूर्वाग्रह को छोड़ने के लिए भी कहा। दरअसल,चीन और जापान के बीच पूर्वी चीन सागर में द्वीपों को लेकर विवाद है। वहीं, चीन और अमेरिका ताइवान, तिब्बत, हॉन्ग कॉन्ग, उइगर और दक्षिण सागर के सैन्यीकरण को लेकर आमने-सामने हैं। बता दे कि जापान और अमेरिका इन दिनों एक ज्वाइंट ड्रिल कर रहे हैं, यही कारण है कि इस समय चीन चिढ़ा हुआ है।
बता दे कि चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन के हवाले एक नियमित प्रेस वार्ता में कहा गया कि इंडो पैसिफिक शांति और विकास का केंद्र है। यह किसी भूराजनीतिक प्रतिस्पर्धा के लिए कुश्ती का मैदान नहीं है। इस क्षेत्र के देश न्याय के लिए हैं और अधिपत्य के खिलाफ हैं। वे सहयोग में भागीदार बनने की उम्मीद करते हैं, टकराव के नहीं। वे सच्चे बहुपक्षवाद की आकांक्षा रखते हैं और गोलबंदी को अस्वीकार्य करते हैं। वांग ने अमेरिका और जापान से चीन के खिलाफ शीत युद्ध की मानसिकता और वैचारिक पूर्वाग्रह को त्यागने का आह्वान किया। उन्होंने आगे भी कहा कि अमेरिका, चीन को काल्पनिक दुश्मन बनाना बंद करे और एशिया प्रशांत में एक नए शीत युद्ध का बीज बोने की कोशिश करना बंद करे।
वांग वेनबिन ने दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों की बैठकों के बाद वाशिंगटन में यूएस-जापान सुरक्षा सलाहकार समिति के 11 जनवरी को जारी संयुक्त बयान को भी खारिज किया। इस बयान में चीन पर वर्ल्ड ऑर्डर को बदलने और पूर्वी चीन सागर में ताकत के दम पर एकतरफा स्थिति को बदलने का आरोप लगाया गया था। वांग ने यह भी कहा कि इस संयुक्त बयान में शीत युद्ध मानसिकता की भारी बू आ रही है। उन्होंने दावा किया कि चीन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका और जापान क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को आगे बढ़ाने का दावा करते हैं, लेकिन वे सैन्य निर्माण और ताकत के जानबूझकर उपयोग के बहाने खोजने में व्यस्त हैं।
हालांकि, यह कोई पहला मौका नहीं है जब चीन इस तरह से चिढ़ा हुआ है, इससे पहले भी चीन के दुश्मन देशों के साथ जब भी अमेरिका ज्वाइंट ड्रिल करता है, बीजिंग फ़ौरन अपनी नाराजगी जाहिर कर देता है। खासतौर पर बीजिंग उस समय सबसे ज्यादा तब भढ़कता है जब यह ड्रिल उसके पास में होता है। मालूम हो कि हाल के कुछ महिनों में अमेरिका ने भारत,आस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और भारत के साथ कई संयुक्त युद्धाभ्यास किया। जहां इस दौरान चीन हमेशा की तरह बार-बार अपना विरोध जताता रहा।
