चीनी फाइटेर एअरक्राफ्ट,फाईल फोटो,साभार-(चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के ट्वीटर से)
बीजिंग। रूस-यूक्रेन जंग के बीच लग रहा है कि दुनिया भर में एक साथ और भी कई जंगी फ्रंट जल्द खुल सकते हैं, क्योंकि,बीते 24 घंटे में दो बार इजरायल ने ईरान पर हमला किया है। जिससे मीडिल-ईस्ट में तनाव इस समय अपने चरम पर पहुंच गया है। तो वहीं अब ताइवान को लेकर चीन ने अमेरिका को अब तक की सबसे बड़ी धमकी देते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम फौज उतारने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
दरअसल,अमेरिकी अधिकारियों के उस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वह वन चाइना पॉलिसी को काफी गंभीरता से ले और दोनों देशों की ओर से जारी साझा बयानों को माने। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि नए विवाद की जड़ दो बाते हैं। पहली यह कि ताइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी आजादी के लिए अमेरिका पर निर्भर हो रही है। दूसरा यह कि अमेरिका में कुछ लोग चीन को काबू में करने के लिए ताइवान का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।
निंग ने आगे अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें अपने नेतृत्व के किए गए वादों को निभाते हुए ताइवान के मामले में जबरन घुसने का काम नहीं करना चाहिए। अमेरिका को ताइवान के साथ सैन्य संबंधों पर भी रोक लगानी चाहिए। उन्होंने यह भी दोहराया कि ताइवान चीन का हिस्सा है और हम शांतिपूर्वक और पूरी ईमानदारी के साथ इसका अधिग्रहण करना चाहते हैं। निंग ने यह भी कहा कि हालांकि हम ऐसा कोई वादा नहीं कर रहे कि चीन सेना का इस्तेमाल नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि ताइवान के एकीकरण के लिए चीन के पास हर जरूरी कदम उठाने का अधिकार है।
उल्लेखनीय है कि पहले से ही चीन-ताइवान के बीच जारी भीषण जंगी तनातनी के दौरान आये दिन चीन की तरफ से इस तरह की गीदड़ भभकी अमेरिका दी जाती रही है, क्योंकि अमेरिका पूरी ताकत के साथ चीन के खिलाफ ताइवान के साथ खड़ा है। यही कारण है कि चीन अक्सर इस तरह के हरकत को अंजाम देता रहता है। दरअसल, अमेरिका चीन के खिलाफ ताइवान, भारत सहित कई देशों के साथ पूरी सैन्य तैयारियों के साथ खड़ा है।