अमेरिकी सैन्य हैलीकॉप्टर,फाईल फोटो,साभार -(यू एस नेवी के ट्वीटर से)
बीजिंग/वॉशिंगटन। दुनिया के लिए दिन ब दिन खतरा बन रहे चीन की हरकतों पर लगातार नजर रखने वाली अमेरिकी खुफिया ऐजेंसियों ने चीन के पास मौजूद बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइलों को सबसे ज्यादा सक्रिय और विविध करार दिया है। अमेरिकी रिपोर्ट में यहां तक दावा किया गया है कि चीन के पास क्रूज मिसाइल से लेकर परमाणु हथियार लेकर जाने वाली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) तक मौजूद है।
दरअसल,अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने रिपोर्ट किया है कि चीन ने साल 2021 में 135 बैलेस्टिक मिसाइलों को लॉन्च किया है। इन्हें टेस्टिंग या फिर ट्रेनिंग मकसद से लॉन्च किया गया। इसी कड़ी में आगे भी कहा गया है कि 135 बैलेस्टिक मिसाइलों की लॉन्चिंग दुनिया में बाकी मिसाइलों की तुलना में कहीं ज्यादा है। अगर बैलेस्टिक मिसाइलों को हटा दिया जाए तो इतनी मिसाइलें तो युद्ध के मैदान में तैनात हैं। साल 2022 में हालांकि इनकी संख्या कम है। मालूम हो कि ऐसा पहली बार है जब अमेरिका को रूस और चीन के तौर पर परमाणु ताकत से लैस दो प्रतिद्वंदियों का सामना करना पड़ रहा है।
अमेरिकी दावें में आगे भी बताया गया है कि चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) परमाणु बल पर जमकर निवेश कर रही है। यह भी साफ किया गया है कि मॉर्डनाइजेशन के पूर्व में किए गए सभी प्रयासों को चीन द्वारा आगे भी बढ़ाया गया है। साथ ही जमीन, समु्द्र और हवा में एक परमाणु घेरा बना लिया गया है। इस बीच यूके स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज (IISS) के हवाले से यह खुलासा किया गया है कि चीन वह सबकुछ कर रहा है जो दशकों बाद उसके परमाणु नीति की तरफ झुकने का इशारा करता है। फिलहाल,तमाम रिपोर्ट्स में यही खुलासा हुआ है कि चीन अब बड़े पैमाने पर परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों की एक फौज तैयार करने में लगा है।
इतना ही नहीं पेंटागन का यह भी मानना है कि चीन के पास इस समय 400 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं जो कि दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती हैं। साल 2035 तक चीन का मकसद रॉकेट फोर्स का आधुनिकीकरण करना है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि तब तक 1500 परमाणु हथियार चीन के पास हो जाएंगे। फिलहाल,चीन की रॉकेट फोर्स के शॉर्ट रेंज वाली बैलेस्टिक मिसाइल 725-850 किलोमीटर की रेंज वाली डीएफ-15 से लेकर 700 किलोमीटर की रेंज वाली डीएफ-16 तक शामिल हैं। इसके अलावा मीडियम रेंज की डीएफ-21 से लेकर डीएफ-17 तक शामिल हैं। कुल मिलाकर चीन की जंगी तैयारियों का विश्लेषण करने पर समझ में यह आ रहा है कि चीन निकट भविष्य में अमेरिका से भिढ़ने की पूरी तैयारी पर है। शायद यही वजह है कि हाल के दिनों में अमेरिका के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने दावा किया था कि आने वाले कुछ सालों में अमेरिका और चीन के बीच जंग छिड़ सकती है।