
अमेरिकी युद्धपोत,फाईल फोटो,साभार-(यूस नेवी के ट्वीटर से)
वाशिंग्टन/मोंटाना। रूस-यूक्रेन जंग और चीन-ताइवान तनातनी के बीच अमेरिका के आसमान में चीन के उड़ रहे जासूसी गुब्बारे के देखे जाने की रिपोर्ट सामने आते हीं हड़कंप मच गया है। दावा किया जा रहा है कि यह चीनी गुब्बारा जासूसी कर रहा है और यह पिछले कई दिनों से अमेरिका के आसमान में मौजूद है। वहीं,अमेरिकी ऐजेंसियां मोंटाना राज्य के ऊपर उड़ रहे इस चीनी गुब्बारे पर लगातार नजर रखे हुए है। इतना ही नहीं इस गुब्बारे को मार गिराने के लिए फाइटर जेट भी तैनात किये जा चुके है। इस खुलासे के बाद अब चीन और अमेरिका के बीच तनाव के काफी ज्यादा बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है।
फौरी तौर इस जासूसी गुब्बारे को लेकर यही कहा जा रहा है कि अमेरिका के मोंटाना राज्य में मालमस्ट्रोम एयर फोर्स बेस है जहां परमाणु बम से लैस मिनटमैन-3 मिसाइलें तैनात हैं। वहीं चीन ने शुक्रवार को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कहा कि वह उन रिपोर्टों पर गौर कर रहा है कि चीन का एक जासूसी गुब्बारा अमेरिकी वायु क्षेत्र में उड़ रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर शांति बरतने की अपील की है। इस बीच अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन का कहना है कि अमेरिका सरकार कई दिनों से इस गुब्बारे पर नजर रखे हुए है।
यहीं नहीं पेंटागन ने आगे भी कहा कि इस गुब्बारे से किसी यात्री या सैन्य विमान को कोई खतरा नहीं है। इस बीच सेना के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने राष्ट्रपति जो बाइडन को सलाह दी है कि इस गुब्बारे को मिसाइल हमले से मार न गिराया जाए। इससे नीचे जमीन पर मलबा गिरने से हादसा हो सकता है। बता दे कि अमेरिका ने मोंटाना में ही माल्मस्ट्रोम एयर फोर्स बेस बना रखा है जहां 100 मिसाइल साइलो हैं। इसमें परमाणु हथियारों से लैस मिनटमैन 3 मिसाइलों को रखा गया है। ये अमेरिका की सबसे खतरनाक अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलें हैं जो चीन तक हमला करने में सक्षम हैं। इसी कड़ी में एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि चीन संवेदनशील स्थलों के ऊपर से इस गुब्बारे को उड़ाने की कोशिश कर रहा है।
गौरतलब है कि ताइवान समेत दुनिया के कई देशों के साथ चीन का जंगी तनाव चल रहा है। जहां चीन के इन सभी दुश्मन देशों की अमेरिका पूरी मदद कर रहा है। यही कारण है कि चीन का अमेरिका के साथ भी तनाव है। इतना ही रूस-यूक्रेन जंग में भी चीन रूस के साथ खड़ा है। ऐसे में चीन और अमेरिका के बीच तनातनी पहले से कही अधिक बढ़ी है। चूंकि, अमेरिका नाटो और यूरोपीय देशों के साथ यूक्रेन के साथ खुलकर खड़ा है।
