हिट किये गये चीनी बैलून के मलबों की रिकवरी करते हुए अमेरिकी नौसैनिक। फोटो साभार -(यूस नेवी के ट्वीटर से)
वाशिंग्टन/बीजिंग। जबसे चीन के जासूसी गुब्बारे का मामला तूल पकड़ा है,उसके बाद से ही बीजिंग और वाशिंग्टन के बीच लगातार तलख़ी बढ़ती ही जा रही है। इस बीच अमेरिकी फाइटेर जेट द्वारा हिट किये गये चीनी बैलून के मलबों को अमेरिका ने चीन को वापस लौटाने से साफ इंकार कर दिया है। अमेरिका ने कहा है कि वह गुब्बारे के मलबे को जांच के लिए इकट्ठा कर रहा है। इसको चीन को सौंपने का कोई सवाल ही नहीं उठता। वहीं,चीन ने कहा कि वह अमेरिका द्वारा संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारे को नष्ट किए जाने के मामले में दृढ़ता से अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करेगा। बताया जा रहा है कि जबसे इसके मलबे को लेकर यह खुलासा हुआ है कि इसमें घातक विस्फोटक भी था, उसके बाद ही चीन बेचैन हो गया है।
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दरअसल,जबसे चीन के इस जासूसी गुब्बारे को लेकर आये दिन जिस तरह से खुलासे हो रहे हैं। उससे चीन और भी भढ़का हुआ है। जहां इस दौरान बीजिंग लगातार दावा कर रहा है कि यह मौसम विज्ञान अनुसंधान के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला गुब्बारा था,हालांकि चीन की तरफ से यह बताने से इनकार कर दिया है कि यह किस सरकारी विभाग या कंपनी का था ? वहीं,चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने मंगलवार को दोहराया कि मानव रहित ”एयरशिप” (गुब्बारे) से कोई खतरा नहीं था और यह भटककर अमेरिकी हवाई क्षेत्र में पहुंचा। बता दे कि माओ ने मामले में ‘जरूरत से ज्यादा टिप्पणी करने’ और तट से दूर अटलांटिक महासागर में शनिवार को गुब्बारे को मार गिराने के लिए अमेरिका की आलोचना की।
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इसी कड़ी में मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या चीन मलबा वापस चाहता है ? तो उन्होंने केवल इतना हीं कहा कि गुब्बारा चीन का था। माओ ने कहा है कि गुब्बारा अमेरिका का नहीं था। चीन सरकार अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करना जारी रखेगी। शुरुआत में चीन ने गुब्बारे के अमेरिकी हवाई क्षेत्र में पहुंचने पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि यह भटककर वहां पहुंचा तथा अमेरिकी क्षेत्र में इसके पहुंचने पर अफसोस प्रकट किया। बाद में चीन ने अमेरिका के बारे में कड़ी टिप्पणी की। ताइवान, व्यापार, प्रौद्योगिकी प्रतिबंध, और दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे के चलते दोनों देशों में पहले से तनाव है।
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इससे पहले जापान से कोस्टा रिका समेत अन्य देशों में भी ऐसे गुब्बारे देखे जाने की पुष्टि हुई है। इतना ही नहीं भारत के अंडमान निकोबार द्वीप समूह के ऊपर भी पिछले साल इसी तरह का गुब्बारा देखा गया था। जिसे लेकर स्थानीय मीडिया समूह शीखा अंडमान ने सवाल खड़ा किया था। वहीं,ताइवान की मीडिया रिपोर्ट्स में भी दावा किया गया है कि रहस्यमयी सफेद गुब्बारों को पिछले दो वर्षों में कम से कम तीन बार ताइवान के एअर स्पेस में देखा गया है। हालांकि,ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने कभी भी इन गुब्बारों का लिंक चीन से नहीं बताया। लेकिन अमेरिका में चीनी गुब्बारों की मौजूदगी के बाद इन देशों में पूर्व में दिखे ऐसे गुब्बारों को लेकर अब बहस शुरू हो गई है।