इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

इजरायल के साथ जारी भीषण तनातनी के बीच ईरान के अंडरग्राउंड सीक्रेट एअरबेस का हुआ खुलासा, इससे पहले भी ईरान के कई अंडरग्राउंड बेस हो चुके हैं सार्वजनिक – अमरनाथ यादव (डिप्टी एडिटर)


ईरान के सीक्रेट एअरबेस में मौजूद ईरानी जेट,फोटो साभार -(ईरानी डिफेंस के ट्वीटर से)

तेहरान। इजरायल के साथ जारी भीषण तनातनी के बीच ईरान के कई अंडरग्रांउड सीक्रेट एयरबेस का खुलासा हुआ है। ईरान के ये बेस कई तरह की सुविधाओं से लैस है। ये एयरबेस वायुसेना के सभी तरह के लड़ाकू विमानों और मानव रहित विमानों का संचालन करने में भी सक्षम है। बता दे कि ईरान ने ‘पृथ्वी की गहराई में’ निर्मित अपने पहले अंडरग्राउंड एयरबेस का अनावरण किया है। ईरान की सरकारी टीवी आईआरएनए ने रिपोर्ट किया है कि ‘ओकाब 44’ या ‘ईगल 44’ नाम के एयरबेस के अनावरण समारोह की अध्यक्षता ईरान के सेना प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद बघेरी ने की है। इस मौके पर मेजर जनरल अबरोलरहीम मौसवी और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे हैं।


फोटो साभार -(सोशल मीडिया से)

दरअसल,आईआरएनए ने जो विडियो रिपोर्ट किया है उसमें यह दिखाया गया है कि एयरबेस के एक गेट को खोलने पर एक विशाल सुरंग दिखाई दे रहा है। जहां इसके अंदर एक लड़ाकू जेट खड़ा है। इसके बाद जेट प्रस्थान करने की तैयारी करते हुए दूसरी ट्यूब में चला जाता है। वहीं,सुरंग के मुहाने पर, सेना की ड्रेस में पुरुषों के एक समूह को भी देखा जा सकता है। बता दे कि ये ईरानी जेट घातक मिसाइलों से लैस है। वीडियो में मिड-एयर जेट ईंधन भरने के ऑपरेशन को दिखाने का भी दावा किया गया है।

इस बीच ईरान ने दावा किया है कि यह एयरबेस “विभिन्न प्रकार के फाइटर जेट्स और बमवर्षकों के साथ-साथ वायु सेना के मानव रहित हवाई वाहनों को संचालित करने में भी सक्षम है। दावा है कि ये एयरबेस “विभिन्न सुविधाओं से सुसज्जित है, जैसे अलर्ट और कमांड पोस्ट, हैंगर, फिक्सिंग और रखरखाव साइट, नेविगेशन और एयरपोर्ट सुविधाएं और ईंधन टैंक वगैरह। यह एयरबेस विभिन्न ऑपरेशन के लिए वायु सेना के लड़ाकू विमानों को तैयार कर सकता है। इतना ही नहीं ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बघेरी के हवाले से यह भी दावा किया गया है कि किसी हमले की स्थिति में इजरायल समेत हमारे दुश्मनों को ईगल 44 समेत हमारे कई कई अड्डों से वाजिब जवाब मिलेगा। इस बीच उन्होंने यह भी संकेत दिया कि देश में और कई भूमिगत एयरबेस मौजूद हो सकते हैं।

हालांकि,यह कोई पहली बार नहीं है जब ईरान ने एक भूमिगत सैन्य अड्डे का अनावरण किया है। पिछले साल भी ईरान की सेना ने बताया था कि वह जाग्रोस पर्वत श्रृंखला में ड्रोन के लिए एक भूमिगत अड्डे का संचालन कर रही है। इसी तरह से वर्ष 2015 में भी ईरान ने इसी तरह के एक भूमिगत मिसाइल बेस का अनावरण किया था। बता दे कि ईरान द्वारा अपने इस सीक्रेट एअरबेस को इस तरह से सार्वजनिक करने का मतलब यह निकलता है कि अभी हाल ही में ईरान के डिफेंस फैक्टरी इसफान पर हुए हमले और फिर इसी कड़ी में सीरिया-इराक बार्डर पर ईरानी ट्रकों को पर सुनियोजित हमला होने से ईरान बेहद दबाव में था, शायद यही कारण है कि वह अपने दुश्मन पर दबाव बनाने के लिए अपने इस बेस को पब्लिक किया है, जिससे दुश्मन के अलावा ईरानी अवाम भी तेहरान की डिफेंस पॉलिसी से संतुष्ट रहे।

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