एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

शनिवार को काबुल के एक गुरुद्वारे पर आतंकी हमले के बाद से वहां बचे हुए सिखों ने भारत सरकार से इमरजेंसी वीजा की मांग की, नई दिल्ली भी है हरकत में – हेमंत सिंह/नित्यानंद दूबे


सांकेतिक तस्वीर।

काबुल। एक दिन पहले शनिवार को तड़के सुबह अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक गुरुद्वारे को टारगेट करते हुए आतंकियों ने हमला कर दिया,जहां अंधाधुंध फायरिंग करते हुए गुरुद्वारे के भीतर भी दाखिल हुए और इस दौरान सिखों के घरों को भी टारगेट किया गया। यहीं नहीं इन आतंकियों ने गुरुद्वारा के गेट पर मौजूद सुरक्षाकर्मी को भी नहीं बखसा उसे भी मार डाला। वहीं हमले की सूचना मिलते ही पास की ही चौकियों पर मौजूद तालिबानी लड़ाकें मौके पर पहुंचे। जहां बाद में इस हमले की जिम्मेदारी खूंखार आतंकी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट’ ने ली है।

बताया जा रहा है कि यह हमला सुबह की प्रार्थना शुरू होने से करीब आधा घंटा पहले हुआ। अगर यह हमला कुछ देर बाद होता तो अंदर और भी लोग मौजूद होते। एक वक्त पर अफगानिस्तान हजारों हिंदुओं और सिखों का घर हुआ करता था। लेकिन दशकों के संघर्ष के बाद अब यहां सिर्फ गिनती के हिंदू और सिख बचे हैं। हाल के वर्षों में बचे हुए सिखों को लगातार आईएस की लोकल ब्रांच निशाना बना रही है।

हालांकि,सुसाइड बॉम्बर की पहचान अबू मुहम्मद के रूप में की है। वहीं हमले में घायल हुए एक शख्स के रिश्तेदार के हवाले से यह कहा गया है कि अफगानिस्तान में अब सिर्फ 20 सिख परिवार बचे हैं। और बचे हुए परिवार भी जल्द से जल्द निकलना चाहते हैं लेकिन भारत सरकार की ओर से उन्हें वीजा नहीं दिया जा रहा है जिस कारण वे यहां फंसे हुए हैं।

गौरतलब है कि जबसे अफगानिस्तान में तालिबान राज कायम हुआ है तभी से वहां खूंखार आतंकी संगठन IS(K) लगातार सक्रिय है,जिस वजह से वहां अक्सर शिया समुदाय पर हमले होते रहे हैं। इतना नहीं शिया मस्जिदों को निशाना बनाया जाता रहा,लेकिन अब वहां सिख समुदाय टारगेट पर है जो कि बेहद चिंताजनक बात है,अब ऐसे में वहां मौजूद सिख समुदाय जल्द से जल्द भारत लौटना चाहता है।

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