एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

चीन के जासूसी गुब्बारों की भारत भी करेगा जांच, पिछले साल अंडमान में देखे गए थे ये चीनी गुब्बारे – गौरव बरनवाल (डिप्टी एडिटर)


फाईल फोटो।

नई दिल्ली। अमेरिका के बाद अब भारत भी चीन के जासूसी गुब्बारों की जांच करने जा रहा है। क्योंकि,एक साल पहले यानि साल 2022 में भारत के अंडमान-निकोबार आईलैंड में देखें गए एक संदिग्ध फ्लाइंग ऑब्जेक्ट की घटना में अब उच्चस्तरीय जांच करने की रिपोर्ट सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि ये ऑब्जेक्ट बिलकुल उस चीनी बैलून की तरह दिख रहा था जैसा अमेरिका ने बीते 5 फरवरी को साउथ कैरोलिनियां में मार गिराया था। हालांकि, कोई नहीं जानता था कि अंडमान-निकोबार में दिखा ये ऑब्जेक्ट क्या है ? वहीं,भारत सरकार ने भी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया था,लेकिन अब इसकी जांच किये जाने की जानकारी मिल रही है। बता दे कि अमेरिका में जबसे चीन के जासूसी गुब्बारे का मुद्दा उठा है तो उसी समय यह भी दावा किया गया कि ऐसा ही एक गुब्बारा एक साल पहले भारत के अंडमान में भी देखा गया था। हालांकि,चीन के गुब्बारे का भारत कनेक्शन सामने आने पर “सीक्रेट आॅपरेशन” मीडिया समूह ने प्रमुखता से इस मुद्दे को अपने 16 फरवरी के अंक में उठाया था।

दरअसल,इस साल 30 जनवरी के बाद से लगातार कई दिनों तक अमेरिका के कई हिस्सों में चीन के जासूसी गुब्बारे देखे गए थे, जहां इसे अमेरिकी एअर फोर्स ने मार गिराया था। उसके बाद इन गुब्बारों से जुड़े कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आये। जहां इसी कड़ी में यह भी दावा किया गया कि चीन इन गुब्बारों की मदद से अमेरिका हीं नहीं अपने कई दुश्मन देशों की भी जासूसी कई सालों से कर रहा था। इस बीच एक साल पहले भारत के अंडमान में भी इसी तरह का गुब्बारा देखा गया था। हालांकि, उस समय स्थानीय मीडिया समूहों ने इस पर सवाल खड़ा किया था,लेकिन उस समय इस मुद्दे को भारत ने कोई तवज्जह नहीं दिया। लेकिन जबसे अमेरिका में यह मुद्दा उठा है,उसके बाद से ही भारत में भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया गया। बता दे कि इस मुद्दे को “सीक्रेट आपरेशन” न्यूज पोर्टल समूह ने बहुत ही प्रमुखता से उठाया था। जहां अब भारत द्वारा इस घटनाक्रम की जांच करवाने की रिपोर्ट सामने आ रही है।

बता दे कि भारत के जिन इलाकों में चीन का यह जासूसी गुब्बारा उड़ा था वह इलाका बहुत ही संवेदनशील है। क्योंकि,यहां भारत के कई अहम सैन्य बेस है। बताया जा रहा है कि इन सैन्य बेस से मिसाइलों का परीक्षण होता है। इसके साथ ही दोनों आईलैंड मलक्का स्ट्रैट के नजदीक हैं।
वहीं,इस मामले की जानकारी रखने वाले एक भारतीय अधिकारी के हवाले से यह बताया गया है कि जब यह फ्लाइंग ऑब्जेक्ट अचानक ही अंडमान-निकोबार आईलैंड में लोगों को दिखाई दिया था। तो ये किसी भी इंडियन रडार सिस्टम पर नहीं दिखा था। इसके पहले की हम ये पता करते कि ये ऑब्जेक्ट कहां से आया है या इसे मार गिराना है या नहीं ? ये साउथ-ईस्ट ओशन में चला गया।

हालांकि,अब जांच की बात हो रही है। वहीं,चीन इस पूरे घटनाक्रम में सिर्फ प्रोपेगैंडा की बात कर रहा है, चीन का कहना है कि ये गुब्बारे चीन के एक निजी कंपनी का उत्पादन है जो कि मौसम का अध्ययन के लिए आसमान में छोड़ा गया था। लेकिन हवा के कारण भटककर अमेरिकी स्पेस में पहुँच गया। फिलहाल, चीन के इन दलालों को अमेरिकी ऐजेंसियों ने पहले ही सिरे से खारिज कर दिया है, क्योंकि अमेरिका का कहना है कि गिराये गए गुब्बारे के मलबों की जांच में कई ऐसे उपकरण डिटेक्ट हुए हैं जो साबित करते हैं कि यह जासूसी गुब्बारा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *