सांकेतिक तस्वीर।
दमिश्क। उत्तरी सीरिया में सोमवार को एक बुरी खबर सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि सीरियन आर्मी की एक बस पर आत्मघाती हमला किया गया है,जिसमें 13 सैनिकों की मौत हो गई, जबकि दो घायल हो गये।
बताया जा रहा है कि यह हमला रक्का प्रांत में किया गया, जो कभी चरमपंथी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट’ के कब्जे में था। खबर में यह नहीं बताया गया है कि बस पर घात लगाकर मशीनगन से गोलीबारी की गई या यह किसी मिसाइल या सड़क पर किये गये बम धमाके का शिकार हुई। फिलहाल,इस हमले की अभी तक किसी आतंकी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है,लेकिन संकेत मिले हैं कि हमले के पीछे आईएस आतंकियों का हाथ हो सकता है। क्योंकि आईएस के आतंकियों ने इससे पहले पिछले कुछ महीनों के दौरान इस तरह के कई हमले किये हैं,जिसमें दर्जनों लोगों ने अपनी जान गंवाई या घायल हुए हैं।
दरअसल,IS के आतंकवादियों ने वर्ष 2014 में इराक और सीरिया, दोनों के एक तिहाई हिस्से में तथाकथित ‘खिलाफत’ की घोषणा की और रक्का शहर उनकी वास्तविक राजधानी थी। जहां वर्ष 2019 में वे हार गए थे,लेकिन आईएस के ‘स्लीपर सेल’ अब भी सक्रिय हैं और घातक हमले लगातार कर रहे हैं। सीरियाई अधिकारी नियमित रूप से इस तरह के हमलों के लिए इस्लामिक स्टेट को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। पूर्वी, उत्तरी और मध्य सीरिया में आतंकवादियों के ‘स्लीपर सेल’ सक्रिय हैं।