इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

अमेरिका और चीन के बीच जारी तनातनी अब पहुंची अंतरिक्ष तक, अमेरिकी सेटेलाईट की जासूसी करने में जुटा चीन, मचा हड़कंप – हेमंत सिंह (स्पेशल एडिटर)


सांकेतिक तस्वीर।

बीजिंग/वॉशिंगटन। रूस-यूक्रेन जंग के बीच अमेरिका और चीन के बीच भी जारी तनातनी अब जमीन से उपर अंतरिक्ष तक पहुंच चुकी है। क्योंकि,रिपोर्ट है कि पृथ्वी की जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में घूम रहे अमेरिकी उपग्रहों पर चीनी अंतरिक्ष यान बुरी नजर बनाए हुए है। पता चला है कि ये चीनी अंतरिक्ष यान अमेरिकी उपग्रहों की जासूसी कर रहा है।

दावा किया गया है कि चीन जिस सेटेलाईट से अमेरिकी यानों की निगरानी कर रहा है,उसे चीन ने एक एक्सपेरिमेंटल कम्यूनिकेशन सैटेलाइट बताया है। इसे 2018 के अंत में जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में लॉन्च किया गया था। इसके बाद इसमें से एक दूसरा छोटा सा सब-सैटेलाइट निकला था। समझा जाता है कि यह छोटा सैटेलाइट टीजेएस-3 की क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करने के लिए भेजा गया था। वहीं,चीन की इस हरकत से अमेरिका के साथ अंतरिक्ष युद्ध का खतरा बढ़ गया है।

दरअसल,ऑर्बिटल डेटा से पता चलता है कि टीजेएस-3 हाल में ही अमेरिकी उपग्रहों के करीब पहुंचा था। बता दे कि ऑर्बिटल फोकल नाम के एक ट्विटर अकाउंट ने दोनों के परिक्रमा पथ को दिखाते हुए बताया कि यह चीनी अंतरिक्ष यान जियोस्टेशनरी बेल्ट में चक्कर काट रहा है। लेकिन, हाल में ही यह अमेरिकी उपग्रहों यूएसए 233 और यूएसए 298 पर करीब से नजर डालने के लिए अपनी जगह पर रुक गया था। चीनी अंतरिक्ष यान ने जिन अमेरिकी उपग्रहों की जांच की वे अमेरिकी स्पेस फोर्स के मिलिट्री कम्यूनिकेशन सैटेलाइट हैं।

मालूम हो कि दुनिया के अधिकतर देशों के कम्यूनिकेशन सैटेलाइट इसी इलाके में मौजूद हैं। इसके अलावा अधिकतर मिलिट्री सैटेलाइटों को भी इसी कक्षा में तैनात किया जाता है।
यहीं कारण है कि अमेरिकी,रूसी और चीनी उपग्रह इस ऑर्बिट में एक दूसरे के बारे में जानकारी जुटाने की होड़ में लगे हैं। जबकि,चीन के TJS-3 उपग्रह के बारे में बहुत कम जानकारी है,हालांकि अमेरिका और अन्य देशों की नजरें इस पर बनी हुई हैं।

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