इजरायली और अमेरिकी फोर्स के जवान, फाईल फोटो, साभार -(IDF के ट्वीटर से)
दमिश्क/तेल अवीव। दुश्मन को किस तरह से टारगेट किया जाता है ? यह सीखें कोई इजरायल से। क्योंकि,इजरायली फोर्स ने एक बार फिर सीरिया के हमा प्रांत और टारटस के कई इलाकों में भीषण बमबारी की है। रिपोर्ट है कि इजरायली मिसाइलों की तादाद इतनी ज्यादा थी कि सीरियाई एयर डिफेंस उन्हें मार गिराने में नाकाम साबित हुए। दावा किया जा रहा है कि ये सभी इजरायली मिसाइलें लेबनान से सीरिया की ओर उड़ान भरी। इस कारण सीरियाई रडार इन मिसाइलों को पहचानने में सफल नहीं हो सके। वहीं,इस हमले की पुष्टि करते हुए सीरिया ने तत्काल तीन सैनिकों के घायल होने की सूचना दी है, हालांकि, गंभीर नुकसान की जानकारी सामने नहीं आई है। जबकि हमेशा की तरह इस बार भी तेल अवीव ने इन हमलों को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।
दरअसल,सीरिया के सरकारी मीडिया के हवाले से रिपोर्ट किया गया है कि एक इजरायली हवाई हमले ने मंगलवार को अलेप्पो हवाई अड्डे को काफी नुकसान पहुंचाया था। इस कारण हवाई अड्डे से परिचालन को कुछ घंटे तक रोकना पड़ा। वहीं,पश्चिमी देशों की खुफिया ऐजेंसियों का मानना है कि अलेप्पो हवाई अड्डा पिछले महीने काफी एक्टिव रहा। यहां भूकंप प्रभावितों की सहायता के लिए दर्जनों विमानों से सहायता और राहत सामग्री पहुंचाई गई थी। इसी की आड़ में कई जहाजों से ईरानी हथियारों के शिपमेंट को भी पहुंचाया गया था।
यही कारण है कि इजरायल ने हाल के महीनों में सीरिया और लेबनान में ईरान के सहयोगियों को हथियार पहुंचाने वाले सप्लाई लाइन को बाधित करने के लिए कई हमले किए हैं। इसमें सीरियाई हवाई अड्डों को खास तौर पर निशाना बनाया गया है। चूंकि,सीरिया से ईरानी हथियारों की खेप को लेबनान में ईरान समर्थित हिजबुल्लाह तक पहुंचाया जा रहा है। बता दे कि इजरायल पिछले कई साल से सीरिया में ईरान से जुड़े लक्ष्यों के खिलाफ हमले किए हैं। ईरान ने 2011 में शुरू हुए सीरियाई गृह युद्ध में राष्ट्रपति बरस अल असद का समर्थन किया है।