
अमेरिका का MQ-9 ड्रोन,फोटो साभार-(यूस एअर फोर्स के ट्वीटर से)
कीव/मॉस्को। पिछले एक साल से ऊपर हो चले रूस-यूक्रेन जंग के बीच अब तक रूस और नाटों आमने-सामने भिढ़ने से बचते रहे हैं,लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि रूस सीधे तौर पर नाटों से उलझना चाहता है। शायद इसीलिए रूसी फाइटेर जेट सुखोई-27 ने एक दिन पहले ब्लैक सी के उपर एक स्पेशल मिशन पर उड़ान भर रहे अमेरिकी ड्रोन MQ-9 रीपर को मार गिराया है। वहीं,अमेरिका का दावा है कि यह घटना तब हुई जब रूसी जेट और अमेरिकी ड्रोन ब्लैक सी के ऊपर इंटरनेशनल एयरस्पेस में चक्कर लगा रहे थे। बता दे कि इससे पहले अभी हाल के कुछ घंटों के भीतर ही रूस ने पश्चिमी यूक्रेन के लीव में मौजूद नाटों के एक सीक्रेट सैन्य ठिकाने को किंझल मिसाइल से निशाना बनाया था। जहां इस हमले में नाटों के 40 सैन्य अधिकारियों के मारे जाने की रिपोर्ट सामने आई थी। हालांकि,इस हमले पर स्वतंत्र रूप से किसी भी पक्ष ने ना ही कुछ कहा और ना ही खंडन किया।

फ्रंट पर दुश्मन के खिलाफ भीषण हमले को अंजाम देते हुए यूक्रेनी सैनिक,फोटो साभार -(यूक्रेन के MOD के ट्वीटर से)
दरअसल, रूसी जेट द्वारा अमेरिकी ड्रोन मार गिराये जाने के बाद अमेरिका अब बेहद सख्त रुख अपनाता हुआ दीख रहा है,यही कारण है कि अमेरिका ने इस घटना पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दो रशियन Su-27 फाइटर जेट्स ने अमेरिकी ड्रोन को पहले 40 मिनट तक घेरा फिर ऊपर से फ्यूल गिराया। इससे ड्रोन के प्रोपैलर को नुकसान पहुंचा। इसके बाद ड्रोन को तबाह कर ब्लैक सी में गिरा दिया। मालूम हो कि शीतयुद्ध के बाद यह पहला मौका है जब रूस और अमेरिका यूक्रेन जंग के बीच आमने-सामने आते दीख रहे हैं।
वहीं,इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच टकराव की आशंका बढ़ गई है। जहां US एयरफोर्स के जनरल जेम्स हैकर ने रूस की हरकत को बेहद गैरजिम्मेदार और भड़काऊ बताया है। उधर, रूस ने अमेरिका के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हमारे फाइटर जेट किसी भी अमेरिकी ड्रोन के संपर्क में नहीं आए हैं। साथ ही कहा कि हम अमेरिका के साथ टकराव नहीं चाहते हैं। बता दे कि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते ब्लैक सी में पिछले कई महीनों से तनाव बना हुआ है। यहां रूसी और अमेरिकी विमान अक्सर उड़ान भरते रहते हैं, लेकिन यह पहली बार हुआ है जब दोनों विमान आमने-सामने आ गए।
इस बीच अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने कहा कि अनआर्म्ड रीपर ड्रोन रूटीन गश्त पर था। यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप से करीब 128 किमी दक्षिण-पश्चिम में दो रूसी Su-27 फाइटर जेट्स करीब 40 मिनट तक अमेरिकी रीपर ड्रोन के आसपास उड़ान भर रहे थे। इसके बाद ये लड़ाकूं विमान इसके ऊपर उड़ान भरने लगे और ड्रोन को नीचे लाने के लिए मजबूर किया। पेंटागन ने भी कहा कि यूक्रेन जंग के बाद से रूस और अमेरिकी सेनाओं के बीच यह पहला फिजिकल संपर्क हुआ है। इधर,अमेरिका ने कहा कि अभी तक गिरे हुए ड्रोन को बरामद नहीं किया गया है। हम उसे ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वह गलत हाथों में न लगे।
