एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

दक्षिण सागर में अमेरिकी युद्धपोत के खदेड़ने वाले चीनी दावें को अमेरिका ने किया खारिज, ऐसे दावें पहले भी करता रहा है चीन – हेमंत सिंह (स्पेशल एडिटर)


दक्षिण सागर में अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के युध्दपोत एक सैन्य अभियान के दौरान,फोटो साभार -(अमेरिकी नौसेना के ट्वीटर से)

बीजिंग/वॉशिंगटन। रूस-यूक्रेन जंग के बीच दक्षिण सागर में भी अक्सर अमेरिका और चीन के बीच जंगी तनातनी बढ़ने की रिपोर्ट सामने आती रही है। जहां इसी सागर में एक बार फिर विवाद गहरा गया है। क्योंकि,चीन की तरफ से दावा किया गया है कि उसने दक्षिण सागर में चीनी एक अमेरिकी युद्धपोत को खदेड़ा है। वहीं,चीन के दावे का अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े ने खंडन किया है। अमेरिकी नौसेना ने कहा है कि चीन के दावे में सच्चाई नहीं है और अमेरिकी युद्धपोत दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभियान जारी रखे हुए है।

हालांकि,इससे पहले भी इस क्षेत्र में अमेरिकी युद्धपोत, लड़ाकू विमान और एयरक्राफ्ट कैरियर आमने-सामने आ चुके हैं। अमेरिका का दावा है कि वह चीन की विस्तारवादी योजनाओं का विरोध कर रहा है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार अमेरिकी नौसेना अपनी गश्त को जारी रखेगी और स्वतंत्र नौवहन को सुनिश्चित करेगी।

बता दे कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के क्षेत्रीय कमान के एक प्रवक्ता ने कहा कि 23 मार्च को, बिना चीनी सरकार की अनुमति के अमेरिकी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर यूएसएस मिलियस ने अवैध रूप से चीन के शीशा द्वीप समूह के पास क्षेत्रीय जल में प्रवेश किया। चीनी प्रवक्ता ने आगे भी बताया कि चीनी पीएलए दक्षिणी थिएटर कमान के नौसैनिक और एयर फोर्स ने क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए कानून के अनुसार अमेरिकी विध्वंसक पर पूरी प्रक्रिया की निगरानी की और अपने जलक्षेत्र से दूर जाने की चेतावनी दी। चीनी नौसेना के प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि पीएलए दक्षिणी थिएटर कमांड के सैनिक हमेशा हाई अलर्ट पर रहेंगे और चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा के साथ-साथ दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेंगे।

वहीं,अमेरिकी नौसेना ने चीन के इस दावे का खंडन किया है। अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के प्रवक्ता ने कहा कि यूएसएस मिलियस गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर दक्षिण चीन सागर में नियमित अभियान चला रहा है और उसे निष्कासित नहीं किया गया था। अमेरिका जहां भी अंतरराष्ट्रीय कानून अनुमति देता है, वहां उड़ान भरना, जहाज चलाना और संचालन करना जारी रखेगा। फिलहाल, सीक्रेट ऑपरेशन न्यूज पोर्टल समूह इन दोनों देशों के दावें की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *