इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

सेटेलाईट तस्वीरों के हवाले से दुश्मन की एक और बड़ी साजिश का हुआ खुलासा, म्यांमार के “कोको आइलैंड” पर बड़े पैमाने पर हो रहा निर्माण – अमरनाथ यादव (डिप्टी एडिटर)


सांकेतिक तस्वीर।

वाशिंग्टन। भारत को चारों तरफ से घेरने के अभियान में जुटे चीन की एक और बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। जहां अमेरिका के मैक्सर टेक्नोलॉजीज ने कुछ सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। इसमें म्यांमार स्थित कोको द्वीप समूह में निर्माण होता नजर आ रहा है। हालांकि इसके पीछे चीनी चाल है या फिर म्यांमार ही इसे बनवा रहा है,यह अभी तक साफ नही हो सका है। लेकिन भारत के लिए ये चिंता की बात है।

दरअसल, इन सेटेलाईट तस्वीरों के हवाले से यह दावा किया गया है कि कोको आइलैंड में बड़े स्तर पर निर्माण कार्य हो रहा है। इससे भारत को खतरा है। क्योंकि चीन और म्यांमार के रिश्ते इस वक्त काफी घुलेमिले लग रहे हैं जिससे ये शंका बढ़ रही है कि कहीं भारत के अंडमान निकोबार पर तो चीन की नजर नहीं है। बता दे कि मैक्सर टेक्नोलॉजीज ने इसी साल जनवरी में ये तस्वीरें ली हैं। जिसमें रनवे, हैंगर और नॉर्थ में कुछ इमारतें दिख रहीं हैं। इसके अलावा एयरबेस रनवे की लंबाई अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। एक दशक पहले जहां की लंबाई 1300 मीटर थी वहीं अब 2,300 मीटर हो चुकी है। चूंकि इस द्वीप से सटा हुआ भारत का अंडमान निकोबार है। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि चीन इसका इस्तेमाल कर समुद्री रास्ते से भारत की जासूसी कर सकता है।

मालूम हो कि चीन ने म्यांमार को अपने पाले में लेने के लिए चीन-म्यांमार इकॉनमी कॉरिडोर की स्थापना की है। इसके तहत चीन ने बड़े पैमाने में निवेश भी किया है। ठीक वैसा ही जैसा चीन ने पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट में किया था। मतलब चीन हर तरफ से भारत को घेरने का प्रयास कर रहा है। अगर कोको द्वीप समूह का इस्तेमाल चीन ने किया तो पीएलए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ेगी। क्योंकि ये हिंद महासागर में एंट्री के लिए सबसे उपयुक्त रास्ता है। इससे साफ हो जाता है कि चीन इस तरह से भारत को घेरने की पूरी कोशिश कर रहा है। फिलहाल, भारतीय ऐजेंसियां पहले से ही दुश्मन की ऐसी गतिविधियों पर बारीकी नजर से नजर रख रही है।

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