एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

फिनलैंड ने ज्वाइन किया नाटों, रूस भी हुआ आक्रामक, बाल्टिक और ब्लैक सी में रूस ने बढ़ाई तैनाती, शुरू किया ड्रिल, मचा हड़कंप – सतीश उपाध्याय (सीनियर एडिटर)

मॉस्को। आखिर मंगलवार को फिनलैंड आधिकारिक रूप से नाटों में शामिल हो हीं गया। फिनलैंड के शामिल होते ही नाटों 31 देशों वाला समूह बन गया। इस बीच फिनलैंड के विदेश मंत्री ने ऑफिशियल डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर किए। फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली निनिस्तो ने इस दिन को ऐतिहासिक बताया।

उन्होंने कहा कि फिनलैंड के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। वहीं उन्होंने नाटों के लिए भी इस दिन को खास बताया। हम नाटों क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि नाटों में हमारी सदस्यता किसी को लक्षित नहीं करती है और हम हमेशा शांतिपूर्ण तरीकों से विवादों को हल करना चाहते हैं। राष्ट्रपति सौली ने भी कहा कि हमें क्या करना है ? यह बताने की अनुमति हम किसी को नहीं देंगे।

वहीं,फिनलैंड की सदस्यता पर नाटों चीफ जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि फिनलैंड के नाटो में आने से हमारी ताकत और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि रूस के साथ नाटों का बॉर्डर अब डबल होगा। उन्होंने आगे भी कहा कि नाटों के इतिहास में ये हफ्ता ऐतिहासिक है। नाटो चीफ ने यह भी कहा कि ब्रसेल्स हेडक्वार्टर पर अब फिनलैंड का भी झंडा फहराया जाएगा। बता दें कि फिनलैंड ने पिछले साल इसके लिए आवेदन किया था।

इस बीच रूस ने फिनलैंड को नाटों सदस्यता के बीच बड़ी धमकी दी है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बॉर्डर पर सैनिकों की तैनाती को लेकर फिनलैंड को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर पश्चिमी देशों का सैन्य ठिकाना फिनलैंड बना तो इसका अंजाम भुगतना होगा। पुतिन ने आगे भी कहा कि अगर ऐसा होता है तो रूस भी बॉर्डर अपने सैनिकों को तैनात करेगा। बता दे कि इस दौरान फिनलैंड के संसद पर जबरदस्त सायबर अटैक हुआ है,जिससे संसद के कामकाज पर इसका बहुत हीं बुरा असर पड़ा है। हालांकि, इस हमले को लेकर अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि इस हमले को कहां से और किन लोगों द्वारा अंजाम दिया गया है ? ऐसे में इस हमले के पीछे रूस की भूमिका मानी जा रही है।

इतना ही नहीं फिनलैंड के नाटों की सदस्यता लेने के कुछ घंटे के भीतर हीं रूसी फौज बेहद आक्रामक हो गई है। बताया जा रहा है कि बाल्टिक सागर और ब्लैक सी में अचानक रूस ने अपनी तैनाती में भारी इजाफा करते हुए, ड्रिल भी शुरू कर दिया है। फिनलैंड बार्डर पर भी रूस की तरफ से भारी सैन्य तैनाती की रिपोर्ट सामने आ रही है। रूस की इन गतिविधियों से साफ हो गया है कि रूस यूक्रेन जंग के बीच अब नाटों के साथ भी रुस की जंगी तनातनी बढ़ गई है। यहीं कारण है कि इस सदस्यता की घटना को पूरी दुनिया बहुत बड़ी घटना के साथ इसे टर्निंग प्वाइंट भी मान रही है।

यहीं कारण है कि यूक्रेन में भी इसे लेकर काफी उत्साह का माहौल है। इस बीच अमेरिकी और नाटों की इंटेलीजेंस ऐजेंसियां पहले से कही अधिक सतर्क हो गई है। वहीं, रशियन ऐजेंसियों की भी सक्रियता बढ़ने की रिपोर्ट सामने आ रही है। ऐसे में यह साफ संकेत मिल रहा है कि पश्चिमी देश अब रूस पर भारी पड़ने वाले हैं। यही कारण है कि अब क्रेमलिन भारी दबाव में है। अब आगे क्या होगा ? बताने की जरूरत नहीं है।

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