हिरोशिमा में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंसकी के साथ भारतीय PM मोदी,फोटो साभार-(एस.जयशंकर के ट्वीटर से)
हिरोशिमा/नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन जंग के बीच पहली बार जापान के हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता भी की। जहां इस बातचीत के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भारत के समर्थन और सहयोग की मांग की। वहीं, पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध को तत्काल रोकने की अपील की। पीएम मोदी पहले भी यूक्रेन में जारी युद्ध को लेकर भारत का रुख स्पष्ट कर चुके हैं। उन्होंने पिछले साल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक में भी कहा था कि यह समय युद्ध का नहीं है।
दरअसल,पीएम मोदी से मुलाकात के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि मैंने पीएम मोदी के साथ बातचीत के दौरान यूक्रेनी पीस फॉर्मूला इनिशिएटिव के बारे में विस्तार से जानकारी दी और भारत को इसके कार्यान्वयन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। मैंने मानवीय सहायता और मोबाइल अस्पतालों को लेकर यूक्रेन की जरूरतों के बारे में बात की। मैं भारत को हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का समर्थन करने के लिए धन्यवाद देता हूं, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय संगठनों के मंच, और यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए।
वहीं,पीएम मोदी ने भी कहा कि यूक्रेन युद्ध दुनिया में एक बड़ा मुद्दा है। मैं इसे सिर्फ अर्थव्यवस्था या राजनीति का मुद्दा नहीं मानता। मेरे लिए यह मानवता का मुद्दा है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मैं युद्ध के समाधान के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं,करेंगे। मालूम हो कि पिछले साल 4 अक्टूबर को जेलेंस्की के साथ फोन पर बातचीत में पीएम मोदी ने कहा था कि किसी भी विवाद का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत किसी भी शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है।
बता दे कि पीएम मोदी की जेलेंस्की के साथ आमने-सामने की बैठक भारत और यूक्रेन के वरिष्ठ राजनयिकों के बीच लंबे विचार-विमर्श के बाद निर्धारित की गई थी। क्योंकि,पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच यह पहली मुलाकात थी। पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के जी-7 सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करने की चर्चा थी। बाद में उनके प्रोग्राम में परिवर्तन हुआ और वो यूरोपीय देशों के रास्ते से जापान पहुंचे। वहीं,भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति के इस मुलाकात पर क्रेमलिन की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।