एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

अमेरिकी ऐजेंसियों ने किया चौंकाने वाला बड़ा दावा, कहा यूक्रेन के खिलाफ रूस की मदद में ईरान लगातार कर रहा हरकत – सतीश उपाध्याय (सीनियर एडिटर)


अमेरिकी पोत एक ड्रिल के दौरान,फोटो साभार-(यूस नेवी से)

मास्को/वॉशिंगटन। जबसे रूस-यूक्रेन जंग छिड़ा हुआ है उसके बाद से ही तमाम रिपोर्ट्स के हवाले से अमेरिका दावा करता रहा है कि ईरान अपने खतरनाक ड्रोन की खेप लगातार मास्को को सप्लाई कर रहा है। इतना ही नहीं इस बीच उत्तर कोरिया को भी अमेरिका ने रूस को हथियारों की सप्लाई करने को लेकर टारगेट किया है। हालांकि,उत्तर कोरिया और ईरान भी अमेरिका इन दावों को खारिज करता रहा है। जहां इस दौरान व्हाइट हाउस द्वारा शुक्रवार को जारी एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में बेहद चौंकाने वाला सनसनीखेज खुलासा किया गया है। जिसमें यह दावा किया गया है कि ईरान रूस को यूक्रेन में युद्ध के लिए पूर्वी मॉस्को में एक ड्रोन संयंत्र बनाने में मदद कर रहा है।

दरअसल,अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने शुक्रवार को दावा किया कि अमेरिकी खुफिया अधिकारियों का मानना है कि रूस के अलाबुगा विशेष आर्थिक क्षेत्र में एक संयंत्र की शुरुआत अगले साल हो सकती है। अमेरिका ने मॉस्को से कई सौ मील दूर उस पूर्वी क्षेत्र में अप्रैल में उपग्रह से ली गई तस्वीर भी जारी की, जहां इस संयंत्र को स्थापित किया जा सकता है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने दिसंबर 2022 में हीं सार्वजनिक रूप से कहा था कि उनका मानना है कि तेहरान और मॉस्को यूक्रेन युद्ध के लिए रूस में एक ड्रोन संयंत्र स्थापित करने पर विचार कर रहे हैं।

वहीं,ईरान ने कहा है कि उसने युद्ध शुरू होने से पहले ही रूस को ड्रोन उपलब्ध कराये थे और युद्ध शुरू होने के बाद उसने ड्रोन उपलब्ध नहीं कराए हैं। बता दे कि व्हाइट हाउस ने अभी पिछले महीने हीं कहा था कि रूस पहले तेहरान से खरीदे गए 400 ड्रोन में से ज्यादातर का इस्तेमाल करने के बाद ईरान से अतिरिक्त उन्नत ड्रोन खरीदना चाहता है। गौरतलब है कि बीते साल के 24 फरवरी से अबतक लगातार रूसी फौज यूक्रेन के खिलाफ खतरनाक हमला कर रही है। जहां इस दौरान तमाम अमेरिकी रिपोर्ट्स में यह दावा किया जाता रहा है कि रूस अपनी लड़ाई आगे लगातार जारी रखने के लिए उत्तर कोरिया और ईरान से भी गोपनीय तरीके से सैन्य संसाधनों की आपूर्ति ले रहा है। हालांकि, ईरान और उत्तर कोरिया इस तरह के दावें को खारिज करते रहे हैं।

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