रूसी राष्ट्रपति पुतिन,फाईल फोटो,साभार-(क्रेमलिन से)
मॉस्को। यूक्रेन के साथ जारी भीषण जंग के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को आयोजित शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) सम्मेलन में वरचुअली शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका देश भारत की उस घोषणा का समर्थन करता है जो अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर एक ऐसा दृष्टिकोण देता है जो स्वतंत्र है। साथ ही उन्होंने एससीओ के सदस्य देशों के साथ संबंधों को मजबूत रखने का भी वादा किया। सम्मेलन में उन्होंने यूक्रेन युद्ध पर भी बात की और पश्चिमी देशों को जमकर फटकारा। पुतिन ने कहा कि रूस ने पश्चिमी देशों की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों का सामना पूरी बहादुरी के साथ किया है। इसके साथ ही उन्होंने पश्चिमी देशों को एक चेतावनी भी दी है।
इस दौरान पुतिन ने आगे यह भी कहा, ‘मैं इस सम्मेलन को आयोजित करने के लिए पीएम मोदी का शुक्रिया अदा करता हूं। इस शिखर सम्मेलन के लिए तैयार किए गए बहुत सारे दस्तावेज तैयार किए गए होंगे और निर्णयों को लागू किया गया होगा। साथ ही मैं कहना चाहता हूं कि रूस, भारत की घोषणा का समर्थन करता है जो अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर एक निर्बाध दृष्टिकोण प्रदान करती है। हम एससीओ सदस्य देशों के साथ संबंधों को मजबूत करना जारी रखेंगे।’ राष्ट्रपति पुतिन ने अफगानिस्तान की स्थिति पर पीएम मोदी की चिंताओं को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि चीजें बेहतर नहीं हो रही हैं। उन्होंने कहा, ‘एससीओ का एक मकसद अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर ध्यान देना भी है। अफसोस की बात है कि हालात बेहतर नहीं हो पा रहे हैं।’
पुतिन ने आगे और भी कहा कि एससीओ की प्राथमिकता आतंकवाद, कट्टरवाद, उग्रवाद और मादक पदार्थों की तस्करी का मुकाबला करना होना चाहिए। बता दे कि रूस के अलावा सम्मेलन में चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और ईरान के नेताओं ने भी भाग लिया। इस सम्मेलन में ईरान नया सदस्य बना है,रही बात भारत की तो वह साल 2005 में पर्यवेक्षक के तौर पर जुड़ा था। साल 2017 में भारत और पाकिस्तान एससीओ के पूर्ण सदस्य बन गए थे।
इस दौरान पाकिस्तान पर हमला करते हुए,भारतीय पीएम मोदी ने भी एससीओ देशों के नेताओं से कहा कि आतंकवादी गतिविधियों से निपटने में कोई दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए। संगठन को उन देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए जो एक नीति के तहत सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करते हैं। मोदी ने आगे यह भी कहा कि आतंकवाद और आतंकी वित्तपोषण से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए खतरा बन गया है।