सांकेतिक तस्वीर।
कीव/विलनियस। पिछले डेढ़ साल से अधिक रूस के भीषण हमलों का सामना कर रहे यूक्रेन को नाटों की तरफ से एक बार फिर से निराशा हाथ लगी है। दरअसल,विलनियस में नाटो समिट के दौरान नाटों के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि संगठन के सदस्य देशों के नेता इस बात पर तैयार हुए हैं कि जब सहयोगी देशों में रजामंदी होगी और शर्तें पूरी होंगी, तो यूक्रेन को समूह में शामिल करने की अनुमति दी जाएगी। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के प्रमुख का कहना था कि यूक्रेन को 31 देशों के सैन्य संगठन में शामिल करने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गयी है। वहीं,इस बात पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अप्रसन्नता जताई और इसे ‘बेतुका’ करार दिया।
नाटों समिट के दौरान सदस्य देशों के नेता,साभार -(नाटों के ट्वीटर से)
स्टोल्टेनबर्ग ने नाटो की सदस्यता के लिए आवश्यक एक प्रमुख कदम का उल्लेख करते हुए पत्रकारों से कहा, ”हमने दोहराया है कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बनेगा और हम सदस्यता कार्ययोजना की आवश्यकता समाप्त करने के लिए सहमत हो गये हैं।” स्टोल्टेनबर्ग ने आगे भी कहा कि इस फैसले के बाद यूक्रेन की सदस्यता के लिए दो कदम के बजाय एक कदम ही उठाना होगा और जब सहयोगी देश सहमत होंगे तथा शर्तें पूरी होंगी, तब यूक्रेन नाटो में शामिल होगा।
बता दे कि नाटो के 31 सदस्य देशों में यूक्रेन की सदस्यता को लेकर अभी तक आम-सहमति नहीं बनी है,जबकि अनेक देश यूक्रेन की सेना को हथियार और गोला-बारूद मुहैया करा रहे हैं। हालांकि,इन नेताओं ने यूक्रेन की सदस्यता के रास्ते से अवरोध हटाने का फैसला किया है,ताकि रूस के साथ युद्ध समाप्त होते ही वह इस सैन्य संगठन में शामिल हो सके।
वहीं,नाटो के इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए विलनियस जा रहे जेलेंस्की ने कहा, ”यूक्रेन को आमंत्रित करने और उसकी सदस्यता के लिए कोई समय-सीमा तय नहीं किया जाना अभूतपूर्व और बेतुका है।” उन्होंने कहा, ”अनिश्चितता कमजोरी होती है। और मैं सम्मेलन में इस पर खुलकर बात रखूंगा।” उन्होंने ट्वीट किया, ”हम अपने सहयोगियों को महत्व देते हैं। यूक्रेन भी सम्मान का हकदार है।”
दरअसल,इस समिट में स्टोल्टेनबर्ग ने यह साफ कर दिया कि जब तक यूक्रेन इस जंग को नहीं जीतेगा तब तक सवाल ही नहीं उठता कि वह नाटों का हिस्सा बनेगा। क्योंकि नाटों महासचिव का मानना है कि जब यूक्रेन अस्तित्व में रहेगा तभी सदस्यता पर बातचीत का मतलब है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को स्वीडन के नाटो में शामिल होने के लिए एक समझौते की सराहना करते हुए कहा कि यह’ऐतिहासिक क्षण’ है,बाइडेन ने आगे भी कहा कि अमेरिका यूक्रेन की सदस्यता के मार्ग को रेखांकित करने के प्रस्ताव पर सहमत हो गया। इस प्रस्ताव को अभी सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किया गया है। बता दे कि सम्मेलन के उद्घाटन से पहले सोमवार रात को तुर्किये ने स्वीडन के नाटो में शामिल होने पर अपनी सभी आपत्तियों को वापस ले लिया। वहीं,नाटों के इस सम्मेलन को लेकर क्रेमलिन की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है,हालांकि इस समिट पर क्रेमलिन की पूरी निगरानी बनी हुई हैं।