इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

रूस में वैगनर ग्रुप के विद्रोह की घटना में हुआ सनसनीखेज खुलासा, विद्रोही लड़ाकें रूस के परमाणु ठिकाने को करने वाले थे टारगेट – राकेश पांडेय (स्पेशल एडिटर)


रूस में विद्रोह के दौरान वैगनर ग्रुप के लड़ाकें,फाईल फोटो।

मॉस्को। यूक्रेन के साथ जारी भीषण जंग के बीच हाल ही में रूस में “वैगनर ग्रुप” द्वारा किये गये विद्रोह की घटना में बेहद चौंकाने वाला एक बड़ा खुलासा सामने आया है जिसमें कहा गया है कि इस दौरान वैगनर लड़ाके रूस के एक परमाणु ठिकाने पर कब्जा करने के फिराक में थे। बता दे कि यह दावा ऑनलाइन पोस्ट किए गए कुछ वीडियो और स्थानीय निवासियों के इंटरव्यू के आधार पर किया गया है।

दरअसल,इस दावे में बताया गया कि वैगनर लड़ाके इस मजबूत रूसी सैन्य अड्डे पर कब्जा करना चाहते थे। यह घटना 24 जून की बताई जा रही है,जब विद्रोही वैगनर लड़ाके मॉस्को की ओर जाते समय एक रूसी परमाणु ठिकाने के नजदीक पहुंच गए थे। ये विद्रोही लड़ाके अचानक से मुख्य काफिले से निकलकर गांवों के रास्ते परमाणु ठिकाने की ओर बढ़े थे। जब इनका काफिला परमाणु अड्डे से 100 किमी की दूरी पर था,तभी वैगनर बॉस येवरेनी प्रिगोझिन ने रूस के साथ समझौता कर लिया था।

बता दे कि रूस के इस परमाणु बेस का नाम वोरोनिश-45 है। यहां पर रूस ने छोटे-छोटे परमाणु बमों और न्यूक्लियर वॉरहेड वाली टेक्टिकल मिसाइलों को रखा है। हालांकि, पश्चिमी अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि विद्रोह के दौरान रूस का परमाणु भंडार कभी खतरे में नहीं था। इस रूसी सैन्य अड्डे की सुरक्षा बेहद कड़ी रहती है। ऐसे में वैगनर लड़ाकों के हमले के दौरान भीषण लड़ाई की आशंका थी। वैगनर लड़ाके गांवों की तरफ से मिलिट्री बेस की ओर बढ़ रहे थे, ऐसे में उनको ट्रैक करना मुश्किल हो गया था।

चूंकि,यूक्रेन के सैन्य खुफिया प्रमुख किरिलो बुडानोव ने कहा कि वैगनर लड़ाके बहुत आगे तक चले गए थे। उन्होंने आगे भी कहा कि वे परमाणु अड्डे तक पहुंच गए थे और उनका इरादा अपने विद्रोह में बढ़त हासिल करने के लिए सोवियत काल के छोटे परमाणु उपकरण हासिल करना था। बुडानोव ने यह भी कहा कि क्योंकि अगर आप आखिरी आदमी तक लड़ने के लिए तैयार हैं, तो यह उन फैसिलिटी में से एक है जो आपके दांव को काफी हद तक बढ़ा देती है। बुडानोव ने कहा, वैगनर लड़ाकों और परमाणु हथियारों के बीच एकमात्र बाधा परमाणु भंडारण फैसिलिटी के दरवाजे थे। उन्होंने दावा किया कि परमाणु भंडार के दरवाजे बंद थे और वे टेक्निकल सेक्शन तक नहीं पहुंच सके।

हालांकि,इस कथित दावें की स्वतंत्र रूप से अभी तक पुष्टि नहीं हो सकी कि वैगनर लड़ाकू विमान वोरोनिश-45 तक पहुंचे थे या नहीं। बुडानोव ने अपने दावे के लिए सबूत नहीं दिया और उन्होंने यह कहने से भी इनकार कर दिया कि घटना के बारे में अमेरिका और अन्य सहयोगियों के साथ क्या चर्चा हुई थी ? उन्होंने यह भी नहीं बताया कि लड़ाके बाद में पीछे क्यों हट गए ? इस बीच क्रेमलिन के सैन्य संबंधों वाले एक करीबी सूत्र के हवाले से बुडानोव के दावे की पुष्टि किये जाने की रिपोर्ट है। बताया जा रहा है कि ये विद्रोही लड़ाकों की एक टुकड़ी इस क्षेत्र में घुसने में कामयाब हो गई थी। यही कारण था कि क्रेमलिन में टेंशन बढ़ गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *