सांकेतिक तस्वीर।
टोक्यो। जापान की राजधानी टोक्यो में “क्वाड समूह” देशों के शिखर सम्मेलन के दौरान बौखलाये चीन ने रूस के लड़ाकू विमानों के साथ अपने भी फाइटेर एअरक्राफ्ट को जापान सागर और पूर्व चीन सागर के ऊपर भेजा,जहां इस चौंकाने वाली घटना के बारे में जापान ने जानकारी साझा की। बता दे कि जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने कहा कि टोक्यो ने इन उड़ानों को लेकर रूस और चीन के सामने ‘गंभीर चिंता’ जाहिर की है।
दरअसल,जापान के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि क्वाड समूह के शिखर सम्मेलन के दौरान दो चीनी बॉम्बर्स और दो रूसी बॉम्बर्स ने जापान सागर से पूर्वी चीन सागर की ओर एक संयुक्त उड़ान भरी। इसके बाद कुल चार विमानों ने पूर्वी चीन सागर से प्रशांत महासागर की ओर संयुक्त उड़ान भरी। इस दौरान यह भी खुलासा किया गया कि खुफिया जानकारी इकट्ठा करने वाले एक रूसी विमान ने भी मंगलवार को मध्य जापान में उड़ान भरी।
भारत के पीएम नरेंद्र मोदी (फाईल फोटो)
उधर,जापानी रक्षा मंत्री ने इस हरकत को उकसाने वाला करार दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने देश और क्षेत्र की सुरक्षा के नजरिए से अपनी ‘गंभीर चिंताओं’ को राजनयिक माध्यमों से जाहिर किया है। इसी कड़ी में आगे भी कहा गया कि जिस तरह अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता का जवाब दिया है,चीन और रूस की यह साझा आक्रामक कार्रवाई भी एक चिंताजनक तथ्य है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
वहीं,इस सम्मेलन में मौजूद रहे भारत के पीएम मोदी ने भी चीन को सख्त संदेश देते हुए कहा कि “क्वाड” अच्छाई की ताकत के लिए बनाया गया संगठन है और यह हिंद प्रशांत क्षेत्र को बेहतर बना रहा है। मोदी ने आगे यह भी कहा कि बहुत कम समय में क्वाड ने दुनिया में अपनी महत्वपूर्ण जगह बना ली है। बता दे कि इससे पहले चीन इस शिखर सम्मेलन पर भड़क गया था और उसने कहा था कि क्वाड का असफल होना तय है।