सांकेतिक तस्वीर।
वॉशिंगटन। दुनिया में कई फ्रंट पर जारी भीषण जंगी तनातनी के बीच अमेरिका के जलक्षेत्र में एक,दो नहीं बल्कि विदेशी नौसेनाओं के 11 युद्धपोतों की घुसपैठ की रिपोर्ट सामने आई है,जहां इन युद्धपोतों के जलक्षेत्र में दाखिल होने के बाद हाल ही में अमेरिकी नौसेना ने चार डेस्ट्रॉयर्स को अलेउतियन द्वीप की तरफ रवाना किया है। घुसपैठ कब हुई ? और किस जगह पर हुई ? इस बारे में कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। क्षेत्र के सीनेटर डैन सुलिवन की तरफ से अमेरिकी मीडिया के सामने इस घटना की पुष्टि की गई है। उन्होंने कहा है कि घटना पिछले कुछ दिनों में हुई है।
सुलिवन ने आगे भी कहा कि यह बहुत ही असामान्य है। न केवल अलास्का के लिए, बल्कि अमेरिका के लिए भी कि 11 युद्धपोत जो रूस और चीन के हैं, एक साथ नेविगेशन के खिलाफ जाकर अलास्का में घुसपैठ कर रहे हैं।’बता दे कि संयुक्त राष्ट्र के कानून के मुताबिक बाकी देशों जहाजों को ‘इनोसेंट पैसेज’ के तौर पर दूसरे देश के क्षेत्रों में यात्राएं पूरी करने की अनुमति दी जाती है। इसका ‘तटीय राज्य की शांति, अच्छी व्यवस्था या सुरक्षा कायम रखना है।
दरअसल,आर्कटिक में भू-राजनीति काफी दबाव रखती है। इसका प्रभाव इस बात पर निर्भर हो सकता है कि किसके पास अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए अधिक संपत्ति है ? सुलिवन ने इसी कड़ी में आगे यह भी बताया कि अमेरिका के पास दो आइसब्रेकर जिसमें से एक टूट गया है। जबकि रूस के पास 54 हैं और कई तो परमाणु ऊर्जा से लैस हैं और सभी हथियारबंद हैं। उनका कहना था कि इस क्षेत्र में अमेरिका काफी पीछे है और ऐसे में उसे कोई बड़ा कदम उठाना होगा।
फिलहाल, इन युध्दपोतों के द्वारा इस तरह से अमेरिकी टेरीटरी में घुसपैठ करना कोई सामान्य घटना नहीं है,वो भी ऐसे समय में इस घटना को अंजाम दिया जाना जबकि यूक्रेन में पिछले डेढ़ साल से भीषण जंग छिड़ी हुई है। इतना ही नहीं अब अफ्रीका के धरती पर भी रूस और अमेरिका आमने-सामने आने की तैयारी पर है। इससे साफ होता है कि जिस तीसरे विश्वयुद्ध को शीतयुद्ध के दौरान टाला गया था वह अब अपने मुहाने पर है।