सांकेतिक तस्वीर।
बीजिंग/कोलंबो। दुश्मन इस समय कुछ दिनों से लगातार हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बरकरार रख रहा है। जहां इस बीच दुश्मन का एक जासूसी जहाज श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह पर पहुंचा है। इतना ही नहीं इस जहाज के कोलंबो पहुंचने पर श्रीलंकाई नौसेना ने स्वागत भी किया है। बता दे कि चीन के इस जासूसी जहाज का नाम HAI YANG 24 HAO है। चीन इसे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी का रिसर्च एंड सर्वे जहाज बताता है। और इसका इस्तेमाल समुद्र के नीचे 3डी नक्शा बनाने और पानी के तापमान से लेकर हर एक बारीकी को समझने के लिए करता है। जहां बाद में इस सर्वे शिप से मिले डेटा का इस्तेमाल चीनी नौसैनिक पनडुब्बियां करती हैं। वहीं, चीन के इस हरकत की रिपोर्ट सामने आते ही भारतीय एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं।
वहीं,श्रीलंकाई नौसेना की तरफ से एक बयान जारी करते हुए यह कहा गया कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नौसेना का युद्धपोत HAI YANG 24 HAO 10 अगस्त 2023 की सुबह औपचारिक यात्रा पर कोलंबो बंदरगाह पर पहुंचा है,कोलंबो पहुंचे 129 मीटर लंबे जहाज पर 138 लोगों का दल सवार है और इसकी कमान कमांडर जिन शिन के पास है। जो कि यह जहाज 12 अगस्त को श्रीलंका से प्रस्थान करने वाला है।
दरअसल,हिंद महासागर में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और भारत के कई महत्वपूर्ण नौसैनिक अड्डे भी मौजूद हैं। ऐसे में चीन की कोशिश है कि वह हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति बढ़ाकर इन देशों के खिलाफ एक प्रभावी नौसैनिक शक्ति खड़ा कर सके। इस इलाके में चीन का भी एक नौसैनिक अड्डा मौजूद है,जो जिबूती में स्थित है।
गौरतलब है कि श्रीलंका पर चीन का बहुत ज्यादा कर्ज है,यही कारण है कि उसकी विदेश नीति इस समय बीजिंग तय कर रहा है। इससे पहले श्रीलंका की पूर्ववर्ती महिंदा राजपक्षे सरकार ने चीन को कर्ज के बदले हंबनटोटा बंदरगाह सौंपा था, लेकिन अमेरिका और भारत के विरोध के कारण चीन इसे नौसैनिक अड्डा नहीं बना पा रहा है। ऐसे में चीन लगातार अपने युद्धपोतों को श्रीलंका के अलग-अलग बंदरगाहों पर ठहराकर अपनी जरूरतें पूरी कर रहा है। ऐसे में चीन के जासूसी जहाज किसी न किसी बहाने श्रीलंका पहुंचते रहे हैं जो कि भारत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। हालांकि,इस ताजे घटनाक्रम के संबंध में अभी तक अमेरिका अथवा नई दिल्ली की तरफ से कोई आधिकारिक टिप्पणी सामने नहीं आई है।