सांकेतिक तस्वीर।
कराची। पाकिस्तान में एक बार फिर से चीनी नागरिकों को निशाना बनाये जाने की रिपोर्ट सामने आ रही है। विद्रोही संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने चीनी इंजीनियरों के काफिले पर जबरदस्त हमला किया है। बता दे कि रविवार को 23 चीनी इंजीनियरों का एक काफिला पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिम में मौजूद ग्वादर पोर्ट पर जा रहा था। जहां इसी दौरान रास्ते में काफिला आइईडी ब्लास्ट की चपेट में आ गया और फिर इस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गईं। BLA ने कहा है कि इसकी ‘माजिद ब्रिगेड’ ने चीनी काफिले को निशाना बनाया है।
इसी क्रम में बीएलए ने दावा किया है कि ग्वादर में उसके हमले में 13 लोगों की मौत हुई, जिसमें 4 चीनी नागरिक और 9 पाकिस्तानी सेना के जवान शामिल हैं। एक बयान जारी कर इस विद्रोही संगठन ने कहा, ‘बीएलए की माजिद ब्रिगेड ने आज ग्वादर में चीनी इंजीनियर्स के काफिले पर हमला किया। हमला जारी रहने वाला है’ वहीं,इस हमले के संबंध में पाकिस्तान की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर हमले की पुष्टि की है।
चीन के सरकारी भोंपू कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने रिपोर्ट किया है कि ग्वादर पुलिस स्टेशन के पास चीनी इंजीनियर्स के काफिले पर हमला किया गया। इस काफिले में तीन एसवीयू कारें और एक वैन शामिल थीं। सभी गाड़ियां बुलेटप्रूफ थीं, जिसमें 23 चीनी नागरिक बैठे हुए थे। हमले के दौरान आइईडी धमाका हुआ और फिर वैन पर गोलियां चलने लगीं।इस वजह से गाड़ियों के शीशे पर क्रैक आ गए। लेकिन
मारे गए चीनी नागरिकों पर इस अखबार ने चुप्पी साध ली है। वहीं,कराची में मौजूद चीनी महावाणिज्य दूतावास ने चीनी नागरिकों के लिए सुरक्षा एडवाइजरी जारी कर दी है। लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।
बता दे कि चीनी नागरिकों पर इस तरह हमला कोई पहली बार नहीं हुआ है। पिछले साल अप्रैल में कराची यूनिवर्सिटी जा रहे तीन चीनी स्कोलर्स और उनके पाकिस्तानी ड्राइवर को एक आत्मघाती हमलावर ने निशाना बनाया। इसी तरह से क्वेटा में भी वर्ष 2021 में पाकिस्तानी तालिबान ने एक होटल पर हमला किया, जिसमें चीनी राजदूत भी मौजूद थे। इस हमले में पांच लोगों की मौत हो गई। 2021 में ही दासू डैम साइट पर जा रही एक बस को निशाना बनाया गया, जिसमें 12 लोगों की मौत हुई। इन मरने वालों में 9 चीनी नागरिक भी शामिल थे।
गौरतलब है कि बलूचिस्तान में बड़ी मात्रा में कीमती खनिज मौजूद हैं। बलूच लोगों का लंबे समय से आरोप है कि उनके राज्य से खनिजों को लूटा जाता है, मगर इसका फायदा उन्हें नहीं मिलता है। इस गुस्से की वजह से बलूचिस्तान में दर्जनों अलगाववादी संगठन एक्टिव हैं। ऊपर से जब चीन ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (BRI) के तहत चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की शुरुआत हुई तो बलूचिस्तान में लोगों की नाराजगी और भी ज्यादा बढ़ गई। इस प्रोजेक्ट के तहत चीन के पश्चिमी प्रांत शिंजियांग को बलूचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ा जा रहा है। ऐसे में बलूच लोगों को लगता है कि चीन यहां आकर उनके खनिज हथिया रहा है। इस वजह से अक्सर ही बलूच अलगाववादी चीनी इंजीनियर्स और कर्मचारियों को निशाना बनाते रहे हैं।