एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

इंडियन एअरफोर्स के चीफ ने किया बड़ा खुलासा, कहा पाकिस्तान और चीन एक साथ कर सकते हैं भारत पर हमला – हेमंत सिंह/नित्यानंद दूबे


फाईल फोटो, साभार-(सोशल मीडिया)

नई दिल्ली। इंडियन एअरफोर्स के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने एक चौंकाने वाला दावा किया है,जिसमें उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान की तरफ से एक-साथ हमला होने की आशंका है। यही नहीं उन्होंने आगे भी कहा कि भारत को पश्चिमी और उत्तरी बॉर्डर पर फैली अशांति और अस्थिरता को ‘टू फ्रंट कंटिन्जेंसी’ यानी दो-तरफा हमले की स्थिति के तौर पर देखना चाहिए और इसी के मुताबिक अपनी तैयारियां पूरी रखनी चाहिए।

दरअसल,एक न्यूज ऐजेंसी के साथ बातचीत के दौरान एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि भारत पर हर तरफ से हमला किया जा सकता है। मिलिट्री स्टैंड-ऑफ से लेकर खुफिया जानकारी के गलत इस्तेमाल और पावर सोर्सेज के हैक किए जाने तक कुछ भी हो सकता है। ऐसे में भारत के सुरक्षा सिस्टम और क्षमताओं को इन चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा।

बता दे कि इससे पहले देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जननरल बिपिन रावत और पूर्व सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे ने भी उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर चीन और पाक की तरफ से एक-साथ हमले की चिंता जाहिर की थी, लेकिन यह पहली बार है जब किसी मौजूदा सेनाप्रमुख ने दो-तरफा युद्ध की आशंका जताते हुए डिटेल प्लान बनाने की बात कही है।

हालांकि,आगे की बातचीत में एअर चीफ मार्शल ने कहा कि
दोनों देशों के बीच बॉर्डर को लेकर चल रहे विवाद के बावजूद चीन ने उत्तरी लद्दाख में बॉर्डर के पास अपने फायटर जेट्स तैनात कर रखे हैं,इस दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने आगे यह भी दावा किया कि भारतीय वायु सेना जब चाहे बहुत ही कम समय के अंदर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दे सकती है।

​​इतना हि नहीं उन्होंने आगे यह भी साफ किया कि जियोपॉलिटल बदलावों को देखते हुए भविष्य में होने वाले किसी भी संघर्ष के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के सभी एलिमेंट्स को एक होना पड़ेगा। हमें इसे ‘ऑल ऑफ नेशन अप्रोच’ के तौर पर देखना होगा।

उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि कहा कि हमारे पश्चिमी और उत्तरी बॉर्डर पर कई चुनौतियां हैं, ये खासतौर से इस वजह से हैं क्योंकि यहां सीमाओं पर पहले से अशांति फैली हुई है। उन्होंने कहा कि कि हमारे लिए समझदारी इसी में होगी कि हम हालात को ‘दो-तरफा युद्ध की स्थिति’ के तौर पर देखें और उसके लिए वैसी ही तैयारी करें और देश की सेना के ऑपरेशनल प्लान,उनकी क्षमताओं में इजाफा और ट्रेनिंग ऐसी होनी चाहिए जिसमें किसी भी तरफ से आने वाले बड़े से बड़े खतरे से निपटने की तैयारी हो।

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